दिव्यांगों के लिए एजेंसी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित योजनायें…!

सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-

इस योजना का उद्देश्य

दिव्यांग व्यक्तियों को प्रशिक्षण मुहैया कराना है जिससे कि वे पारम्परिक एवं तकनीकी व्यवसायों एवं उद्यमिता के क्षेत्र में उचित तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से सक्षम एवं स्वावलंबी बन सकें। वित्तीय सहायता अनुदान के अनुरुप में एससीए के माध्यम से मुहैया कराई जाती है।

एस सी ए एवं राष्ट्रीकृत बैंक के माध्यम से कियान्वित किया जाना

निगम दिव्यांग व्यक्तियों को ऐसे कई क्रियाकलापों के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराता है जिससे कि उनकी आय में वृद्धि हो सके।

क्रियाकलापों के लिए वित्तीय सहायता

ये क्रियाकलाप निम्नलिखित हैं –

सेवा/ट्रेडिंग क्षेत्र में छोटा व्यवसाय स्थापित करने के लिए

  • बिक्री/ट्रेडिंग क्रियाकलाप के लिए 3.00 लाख रुपये तक का ऋण और सेवा क्षेत्र क्रियाकलाप के लिए 5.00 लाख रुपये।
  • जिस छोटे व्यवसाय, परियोजना अथवा क्रियाकलाप के लिए वित्तीय सहायता मांगी गई है उसे दिव्यांग व्यक्ति को स्वयं चलाना होगा और इस उपक्रम में कम से कम 15 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार देना होगा।

वाणिज्यिक क्रियाकलाप के लिए वाहन की खरीद हेतु

  • 10.00 लाख रुपये तक ऋण
  • वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए ऑटोरिक्शा सहित वाहन की खरीद

छोटी औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए

  • 25.00 लाख रुपये तक का ऋण
  • यह ऋण दिव्यांग व्यक्तियों को निर्माण, गढ़ाई एवं उत्पादन के लिए मुहैया कराया जाता है। दिव्यांग व्यक्ति ही इस कम्पनी का मालिक/मुख्य कार्यकारी होगा और अपनी कम्पनी में कम से कम 15 प्रतिशत  दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करेगा।

कृषि क्रियाकलाप के लिए सहायता

  • 10.00 लाख रुपये तक का ऋण
  • यह ऋण सहायता दिव्यांग व्यक्तियों को कृषि उत्पादन, सिंचाई, बागवानी, रेशमपालन, कृषि सेवा के लिए कृषि  संबधी मशीनरी/उपकरण  की खरीद, कृषि उत्पादकों के विपणन आदि के लिए मुहैया कराया जाता है।

मानसिक रुप से अविकसित व्यक्तियों, सेरेबरल पालसी और ऑटिज्म से पीड़ित के बीच स्वरोजगार

  • 10.00 लाख रुपये तक का ऋण
  • ऐसे मामलों में, वित्तीय सहायता आश्रित मानसिक रुप से अविकसित अथवा कानूनी अभिभावक अथवा पत्नी के माध्यम से प्रदान की जाती है।

दिव्यांग व्यक्तियों की शिक्षा/प्रशिक्षण  हेतु ऋण

योजना का उद्देश्य

भारत एवं विदेशों में शिक्षा मान्यताप्राप्त शैक्षिक संस्थान से व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को करने के लिए ट्यूशन  एवं अन्य फीस/मैनटेनन्स कॉस्ट/बुक्स एवं उपकरण आदि पर होने वाले खर्च को पूरा करने हेतु।

पात्रता

क) कोई भी भारतीय नागरिक जिसे 40 प्रतिशत  अथवा उससे अधिक

दिव्यांगता हो।

ऋण की किस्में  – ऋण की अवधि

कर्जदार – संयुक्त रुप से दिव्यांग विद्यार्थी और उसके माता-पिता/अभिभावक।

ऋण की धनराशि

आवश्यकता आधारित वित्त जो इस तथ्य पर निर्भर करेगा कि माता-पिता/विद्यार्थियों की ऋण चुकाने की कितनी क्षमता है जिसकी निम्नलिखित सीमाएं भी होंगी –

क) भारत में अध्ययन – अधिकतम 10.00 लाख रुपये

ख) विदेशों में अध्ययन- अधिकतम 20.00 लाख रुपये

प्रोत्साहक का योगदान

क) 4.00 लाख रुपये तक – शून्य

ख) भारत में पाठ्यक्रमों के लिए 4.00 लाख से अधिक – 5 प्रतिशत

ग) विदेशों में पाठ्यक्रमों के लिए 4.00 लाख से अधिक – 15 प्रतिशत

ब्याज दर

  • 4 प्रतिशत वार्षिक
  • 0.5% की छूट सहायक पर महिलाओं के लाभार्थियों को ब्याज

ऋण की अदायगी

क)अदायगी के आरम्भ होने के पश्चात् 07 वर्ष  के भीतर यह ऋण चुकाना होगा।

ख) ऋण की अदायगी नियमानुसार पाठ्यक्रम की समाप्ति की निर्धारित तिथि से छ: माह पश्चात् अथवा नौकरी मिलने के पश्चात्, जो भी पहले हो।

कौशल एवं उद्यमीय विकास हेतु वित्तीय सहायता

योजना का उद्देश्य

इस स्कीम का उद्देश्य विकलांग दिव्यांग को प्रशिक्षण मुहैया कराना है जिससे कि वे पारम्परिक एवं तकनीकी व्यवसायों एवं उद्यमिता के क्षेत्र में उचित तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से सक्षम एवं स्वावलंबी बन सकें। वित्तीय सहायता अनुदान के अनुरुप में एस सी ए के माध्यम  से मुहैया कराई जाती है।

क्षेत्र

स्कीम का क्षेत्र सीमित है

क) जिन लाभभोगियों को एस सी ए के माध्यम से एन एच एफ डी सी से -ऋण प्राप्त हुआ है और अपनी आय के सृजन संबंधी क्रियाकलाप को सफलतापूर्वक जारी रखे हुए हैं।

ख) जिन लाभभोगियों को ऋण स्वीकृत हो चुका है और ऋण प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

ग)सम्भाव्य लाभभोगी जो एन एच एफ डी सी से ऋण प्राप्त करना चाहते हैं और ऋण प्राप्त करने के लिए पात्रता मानदंडो को पूरा करते हैं

योजना की पात्रता

लाभभोगियों को एन एच एफ डी सी से ऋण प्राप्त करने के लिए पात्रता शर्ते पूर्ण करनी होगी।

प्रशिक्षण की अवधि

12 माह तक

अनुदान की धनराशि

क) प्रशिक्षण कार्यक्रम की कुल आवर्ती लागत की 100% एन एच एफ डी सी द्वारा प्रदान की गई है

ख) वजीफा – आवर्ती प्रशिक्षण लागत रुपए का वजीफा भी शामिल होगा. / – प्रशिक्षु को प्रति माह 2000 परिवहन और अन्य प्रासंगिक व्यय की लागत को कवर करने प्रशिक्षण संस्थान / SCA प्रशिक्षु के पक्ष में एक के माध्यम से वजीफा जारी / करेगा आदाता ग केवल चेक

वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए प्रकिया

प्रशिक्षण के प्रस्ताव को राज्य माध्यम एजेंसी / बैंक द्वारा राष्ट्रीय दिव्यांग वित्त एवं विकास निगम को प्रस्तुत एन एच एफ डी सी योजनाओं को लागू करना है, कहीं भी, ऐसी एजेंसियों प्रशिक्षण प्रायोजक. प्रतिष्ठित राष्ट्रीय / राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संगठनों को भी सीधे उनके प्रस्ताव को प्रशिक्षण के साथ एनएचएफडीसी  दृष्टिकोण हो सकता है. प्रशिक्षण के प्रस्ताव के अनुसार प्रशिक्षण का प्रस्ताव तैयार करने के लिए इस योजना के तहत दिशा निर्देशों के साथ तैयार रहना है।

प्रशिक्षण संस्थान

एस सी ए उपयुक्त प्रशिक्षण संस्थान की पहचान करेगा जो अधिमानत: औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई0टी0आई0), पॉलीटेकनिक, इंजिनियरिंग कॉलेज, कृषि विश्वविद्यालय, राट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान आदि जैसे सरकारी संस्थान होंगे। ऐसे प्रशिक्षण प्रस्ताव भी प्रस्तुत किये जा सकते हैं जिसमे प्रतिष्ठित निजी प्रशिक्षण संस्थान शामिल  हों। ऐसे मामलों में संस्थान का प्रोफाइल, उसका पिछला रिकॉर्ड विशेषकर  समाज के दिव्यांग वर्ग के लिए आयोजित किये गये प्रशिक्षण आदि प्रस्तुत किये जाने आवश्यक हैं। अन्ध तथा मूक एवं बघिरों के लिए प्रशिक्षण आयोजित कराने के लिए संस्थान की सुविधाओं की जांच की जानी चाहिए और उसका ब्यौरा प्रशिक्षण प्रस्ताव में दिया जाना चाहिए।

माइक्रो क्रेडिट योजना

ऋण रुपये तक -5.0 गैर सरकारी संगठन, लाख रु. 5% @ / – प्रति लाभार्थी 25,000 सहायक

माइक्रो क्रेडिट योजना वर्तमान में गैर सरकारी संगठन द्वारा कार्यान्वित सामाजिक क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए है और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास के लिए कार्यक्रम शुरू करने के लिए पर्याप्त अनुभव होना चाहिए। इस योजना के तहत आवेदन को राज्य माध्यम एजेंसी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है

अभिभावक संघ के लिए मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए योजना

ऋण रुपये तक. 5.0 लाख- वित्तीय सहायता मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अभिभावक संघ को प्रदान करने एक मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लाभ के लिए गतिविधि पैदा आय निर्धारित है आय सृजन गतिविधि के स्वरूप ऐसा होगा कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों शामिल सीधे और आय मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के बीच वितरित किया जाएगा

  • इस योजना के तहत एसोसिएशन द्वारा आवेदन करने एन एच एफ डी सी सीधे भेज सकता है
  • ऋण, ब्याज की दर की मात्रा, चुकौती अवधि आदि एस सी ए के माध्यम से कार्यान्वित योजनाओं के लिए के रूप में ही रह जाएगा ।

 

स्रोत: भारत सरकार का नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन, सामाजिक न्याय व अधिकारिकता मंत्रालय

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