राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम

सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-

परिचय

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अन्तर्गत भारत सरकार का एक उपक्रम है और इसके पास 1500 करोड़ रूपए की प्राधिकृत शेयर पूंजी है जिसके प्रति मंत्रालय ने अब तक 856 करोड़ रूपए निर्मुक्त कर दिए हैं।

एनबीसीएफडीसी को, पिछड़े वर्गों के लाभार्थ आर्थिक और विकासात्मक गतिविधियों का संवर्द्धन करने और कौशल विकास एवं नियोजन उद्यमों में इन वर्गों के गरीबतर वर्ग की सहायता करने के उद्देश्य से, एक अलाभकारी कंपनी के रूप में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत, 13.1.1992 को निगमित किया गया था। योजनाओं का कार्यान्वयन संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा नामित राज्य चैनलाइंजिग एजेंसियों के माध्यम से किया जाता है।

पात्रता

पिछड़े वर्गों के जिन सदस्यों की वार्षिक पारिवारिक आय गरीबी रेखा से दुगनी (अर्थात्‌ ग्रामीण क्षेत्रों में 81000 रूपए और शहरी क्षेत्रों में 1,03,000 रूपए) है, वे एनबीसीएफडीसी से ऋण प्राप्त करने के पात्र हैं।

एनबीसीएफडीसी आय परक गतिविधियों की एक व्यापक रेंज को सहायता प्रदान करती है जिनमें कृषि और सहबद्ध गतिविधियां, लघु व्यवसाय/कारीगर और पारंपरिक व्यवसाय, परिवहन और सेवा क्षेत्र, तकनीकी और व्यावसायिक कार्य/पाठ्‌यक्रम शामिल हैं।

ऋण का प्रकार और वित्त पद्धति

  • अधिकतम ऋण सीमाः प्रति लाभार्थी 10 लाख रूपए।

एनबीसीएफडीसी ऋणः सामान्य योजना में परियोजना लागत का 85% तक। शेष 15% राज्य चैनलाइजिंग एजेंसी/लाभार्थी द्वारा शेयर किया जाएगा।

  • मार्जिन मनी : अधिकतम ऋण सीमाः प्रति लाभार्थी 10 लाख रूपए।

एनबीसीएफडीसी : परियोजना लागत का 40% तक, परियोजना लागत की शेष राशि का अंशदान
बैंक/वित्तीय संस्थान (50%), राज्य चैनलाइजिंग एजेंसी (5%), और लाभार्थी (5%) द्वारा किया जाएगा।

  • सूक्ष्म वित्त: अधिकतम ऋण सीमाः 50,000 रूपए प्रति लाभार्थी/एसएचजी का सदस्य।

एनबीसीएफडीसी :परियोजना लागत का 90% से 95% तक। शेष 5% से 10% तक का राज्य चैनलाइजिंग एजेंसी/लाभार्थी द्वारा शेयर किया जाएगा।

वे कार्यकलाप जिनके लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है

यह निगम निम्नलिखित व्यापक सेक्टरों के अंतर्गत व्यापक आय सृजक कार्यकलापों को सहायता प्रदान कर सकता हैः-
1. कृषि एवं सम्बद्ध कार्यकलाप
2. लघु व्यवसाय/शिल्पकला तथा परंपरागत पेशा
3. परिवहन सेक्टर एवं सेवा सेक्टर
4. तकनीकी तथा व्यावसायिक व्यापार/पेशेवरों के लिए शिक्षा ऋण

पाठ्यक्रम

राज्य चैनलीकरण एजेंसियों (एससीए) को उपर्युक्त व्यापक सेक्टरों के अंतर्गत लाभार्थियों की आवश्यकता तथा चयन के अनुसार व्यवहार्य परियोजनाओं हेतु ऋणों का संवितरण करना होता है ।

ऋण के प्रकार

आवधिक ऋण/मार्जिनल ऋण

  • महिलाओं के लिए नई स्वर्णिम योजना

इस योजना के तहत, गरीबी की दोहरी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े वर्गों की महिलाएं 5 % प्रतिवर्ष की दर से 100000/- रु. तक ऋण प्राप्त कर सकती हैं ।

एनबीसीएफडीसी ऋणः परियोजना लागत का 95%

  • शिक्षा ऋण योजना

एनबीसीएफडीसी गरीबी की दोहरी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े वर्गों के छात्रों को शिक्षा ऋण प्रदान करता है ताकि वे स्नातक तथा/अथवा उच्चतर स्तरों पर सामान्य/पेशेवर/तकनीकी पाठ्‌यक्रमों अथवा प्रशिक्षण में अध्ययन कर सके। अधिकतम ऋण सीमा भारत में 10 लाख रु. तथा विदेश में 20 लाख रु. है। ब्याज की दर 4% प्रतिवर्ष है तथा छात्राएं 3.5% प्रतिवर्ष की विशेष रियायती दर पर ऋण प्राप्त कर सकती हैं ।

एनबीसीएफडीसी ऋणः भारत में अध्ययन हेतु 90% तथा विदेश में अध्ययन हेतु 85%

  • सक्षम

यह लक्ष्य समूह के पिछड़े वर्गों के युवा पेशेवरों हेतु आवधिक ऋण के तहत एक विशेष योजना है । प्रति लाभार्थी अधिकतम ऋण सीमा 10 लाख रु. है। 5 लाख रु. तक ऋण हेतु ब्याज की दर 6 % प्रतिवर्ष है और 5 लाख रु. से अधिक तथा 10 लाख रु. तक ऋण हेतु ब्याज की दर 8% प्रतिवर्ष है।

एनबीसीएफडीसी ऋणः परियोजना लागत का 85%

  • शिल्प संपदा

इस योजना का उद्देश्य परंपरागत शिल्पकला इत्यादि में स्वरोजगार हेतु आवधिक ऋण के तहत वित्तीय सहायता एवं प्रशिक्षण पिछड़े वर्गों को प्रदान करते हुए उनकी तकनीकी एवं उद्यमी कौशल का उन्नयन करना है। इस योजना के तहत गरीबी की दोहरी रेखा (वर्तमान में 21,000 रुपए प्रतिवर्ष ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एवं 103,000 रुपए प्रतिवर्ष शहरी क्षेत्रों के लिए) से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े वर्गों के कारीगर एवं हस्तशिल्पकार 10 लाख रु. तक ऋण प्राप्त कर सकते हैं । 5 लाख रु. तक ऋण हेतु ब्याज की दर 6% प्रतिवर्ष है और 5 लाख रु. से अधिक तथा 10 लाख रु. तक ऋण हेतु ब्याज की दर 8% प्रतिवर्ष है।

एनबीसीएफडीसी ऋणः परियोजना लागत का 85%

सूक्ष्म वित्त

सूक्ष्म वित्त योजना

एनबीसीएफडीसी की सूक्ष्म वित्त योजना का क्रियान्वयन प्रत्यायित एनजीओ/स्वसहायता समूहों के माध्यम से राज्य चैनलीकरण एजेंसियों द्वारा किया जाता है । प्रति लाभार्थी अधिकतम ऋण सीमा 50000/- रु. है । राज्य चैनलीकरण एजेंसी से लाभार्थी के लिए ब्याज की दर 5%है ।

एनबीसीएफडीसी ऋणः परियोजना लागत का 90 %

महिला समृद्धि योजना(महिलाओं के लिए सूक्ष्म वित्त योजना)

एनबीसीएफडीसी की महिला समृद्धि योजना का क्रियान्वयन प्रत्यायित एनजीओ/स्वसहायता समूहों के माध्यम से राज्य चैनलीकरण एजेंसियों द्वारा किया जाता है।

प्रति लाभार्थी अधिकतम ऋण सीमा 50000/- रु. है ।राज्य चैनलीकरण एजेंसी से लाभार्थी के लिए ब्याज की दर 4% है ।

एनबीसीएफडीसी ऋणः परियोजना लागत का 95 %

कृषि संपदा

रबी तथा खरीफ अथवा किसी अन्य नकदी फसल की मौसम के दौरान निधि की अपेक्षा हेतु लक्ष्य समूह के छोटे किसानों, सब्जी विक्रेताओं को सूक्ष्म वित्त के तहत रियायती ऋण प्रदान करना । ऋणी 4% प्रतिवर्ष की दर से 50000/- रु. तक का ऋण प्राप्त कर सकता है ।

एनबीसीएफडीसी ऋणः परियोजना लागत का 95 %

यह निगम गरीबी की दोहरी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले पिछड़े वर्गों के पात्र सदस्यों के तकनीकी एवं उद्यमी कौशल के स्तरोन्नयन हेतु परियोजना सम्बद्ध प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करता है। वित्तीय सहायता राज्य चैनलीकरण एजेंसियों/राष्ट्रीय स्तर/राज्य स्तर के प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रदान की जाती है।

विपणन सम्बद्धः यह निगम देश के प्रमुख मेलों जैसे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, दिल्ली हाट तथा सूरज कुंड शिल्प मेला इत्यादि और विभिन्न राज्यों मे आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों/मेलों में भाग लेने का अवसर लक्ष्य समूह के शिल्पकारों के लिए प्रदान करते हुए विपणन सुविधाओं को भी बढ़ावा दे रहा है।

लाभ उठाने की कार्यविधि

लाभार्थियों द्वारा इस योजना के तहत लाभ उठाने की कार्यविधि

इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए लाभार्थी (लाभार्थियों) को निम्नलिखित मानदण्ड पूरे करने होते हैं:

  • वह अनुसूचित जाति का होना/होनी चाहिए।
  • उनकी वार्षिक पारिवारिक आय, समय-समय पर यथा निर्धारित, दोहरी गरीबी रेखा से कम होनी चाहिए।

पात्र लाभार्थियों को संबंधित राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए)/अन्य चैनलाइजिंग एजेंसियों (ओसीए) को सभी अपेक्षित दस्तावेजों सहित, निर्धारित प्रपत्र के अनुसार अपने परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करने चाहिए। एससीए/ओसीए की सूची www.nsfdc.nic.in पर उपलब्ध है। संबंधित एससीए/ओसीए, लाभार्थियों की साख के संबंध में प्रस्ताव की संवीक्षा करने और प्रस्ताव की व्यवहार्यता जांचने के बाद, उसे एनएसएफडीसी को अग्रेषित करता है।

एससीए/ओसीए को निधियों की स्वीकृति की प्रक्रिया

एससीए/ओसीए एनएसएफडीसी को, सभी अपेक्षित दस्तावेजों सहित, निर्धारित प्रपत्र में परियोजना प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करता है। प्रस्तावों की जांच परियोजना स्वीकृति समिति (पीसीसी) द्वारा की जाती है। यदि प्रस्ताव तकनीकी रूप से और आर्थिक रूप से व्यवहार्य पाए जाते हैं तो उन्हें स्वीकृति हेतु समक्ष प्राधिकारी को संस्तुत किया जाता है। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर, एनएसएफडीसी दो प्रतियों में आशय पत्र इस अनुरोध के साथ जारी करता है कि एक प्रतिलिपि वापस भेजे, जिसमें निधियों के वितरण हेतु अनुरोध किया गया हो और वह प्रति एससीए/ओसीए के प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा विधिवत हस्ताक्षित हो और उस पर हस्ताक्षरकर्ता की मोहर लगी हुई हो। निधियों का वितरण एनएसएफडीसी द्वारा निम्नलिखित विवेकी मानदण्डों की पूर्ति के अध्ययधीन किया जाता हैः

वितरण के लिए विवेकी मानदंड

एससीए के लिए आरआरबी के लिए अन्य चैनल पार्टनर के लिए
 

  • सरकारी गारंटी उपलब्धता
  • पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के अंत में एक वर्ष से अधिक कोई अतिदेय राशि नहीं हो।
  • पूर्व में वितरित निधियों का संचयी उपयोग, पूर्ववर्ती महीने के अंत में 80% या इससे अधिक हो ।
  • वितरण के समय एनएसएफडीसी को कोई अतिदेय राशि भुगतान योग्य नहीं हो।
  • पूर्व में वितरित निधियों का संचय उपयोग, पूर्ववर्ती महीने के अंत में 80% या इससे अधिक हो।
  • आरआरबी की निवल गैर निष्पादनकारी संपत्तियां (एनपीए), पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के वार्षिक लेखों के अनुसार 5% से कम होनी चाहिए।
  • आरआरबी का मुनाफा पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के वार्षिक लेखों के अनुसार होना चाहिए।
  • आरआरबी, पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के वार्षिक लेखों के अनुसार किसी विनियामक निकाय के प्रति चूककर्ता नहीं होना चाहिए।

 

  • प्रतिभूति के रूप में बतौर पेशगी पर्याप्त गारंटी।
  • पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के अंत में एक वर्ष से अधिक कोई अतिदेय राशि नहीं हो।
  • पूर्व में वितरित निधियों का संचयी उपयोग, पूर्ववर्ती महीने के अंत में 80%  या इससे अधिक हो।

स्त्रोत : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय,भारत सरकार

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