बिहार और भारत के सभी दिव्यांगों को पीला कार्ड बना लेना चाहिए वही संवैधानिक सही है और आपको किसी भी अनियमितता से बचाता है

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  बिहार में और भारत में दिव्यांग प्रमाण पत्र जो दिव्यांगता का प्रथम अध्याय है जिसके रहने पर ही आप दिव्यांग घोषित होंगे सभी दिव्यांगों को यह पीला कार्ड बना ही लेना चाहिए दरअसल पूरे भारत में 2014 में एक कानून आया था उस कानून के तहत सभी दिव्यांगों को पीला कार्ड मे ही दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाना था यह समाज कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आया था यह कार्ड दिव्यांग प्रमाण पत्र में हो रही फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए बनाया गया था और इससे दिव्यांगों को जहां तक है वहां अधिक से अधिक लाभ ही होगा हानी नहीं होगा 2000 ईस्वी  मैं जो  भी प्रमाण पत्र ब्लॉक से बनाए जाते थे उसमें दिव्यांग प्रमाण पत्र में कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता था जिससे लोगों  के साथ पदाधिकारी गण उस कार्ड का सहारा लेकर भी जेन्युइन दिव्यांग या वास्तविक दिव्यांग को अयोग्य घोषित कर देते थे साथ ही साथ जितने भी कल्याणकारी योजना थे जिसमें उदाहरण के तौर पर आप पेंशन योजना छात्रवृत्ति योजना आवास योजना राशन कार्ड योजना उसका कोई प्रमाण आपके पास नहीं होता था इन सारी बातों को देखते हुए भारत सरकार और बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास ने यह सफल प्रयास था जिसमें यह कहा गया कि जितने भी दिव्यांगजन को दिव्यांग का श्रेणी में सम्मिलित किया गया है वह पीला कार्ड बनवा लें ऐसा आदेश देने के पीछे सामाजिक कल्याण विभाग भारत सरकार और बिहार सरकार का कारण यह था की बिहार सरकार कितने व्यक्तियों को और भारत सरकार कितने व्यक्तियों को कल्याणकारी योजना से जोड़ रहा है या प्रदान करवा  रहा है इसकी जानकारी प्राप्त हो जाती दूसरा चीज किस में बार कोड होता है जिसे भी हमें स्कैन कर सकते हैं साथ ही साथ इसमें रजिस्ट्रेशन नंबर होता है जिसके तहत भी हमारी पूरी जानकारी निकल सकती है और सबसे बड़ी बात चाहे वह पेंशन ही अकाउंट हो या राशन कार्ड हो या किसी भी प्रकार की योजनाओं से दिव्यांग समाज को जोड़ा जाता है तो पहली बार आपको भी इस योजना की पूरी जानकारी पूरे प्रमाण के साथ उसके खाली कॉलम में दिए जाएंगे जिससे कि कोई भी पदाधिकारी आपके साथ फर्जीवाड़ा नहीं कर सकता और सही साबित होते हुए भी आपके प्रमाण पत्र को गलत नहीं ठहरा सकता है उदाहरण के तौर पर हर वर्ष दिव्यांग पेंशन अकाउंट को अप टू डेट किया जाता है और उसमें यह प्रमाण दिया जाता है कि आप जिंदा है इसका भी प्रमाण पहले ब्लॉक से नहीं दिया जाता था लेकिन नए पीले सर्टिफिकेट में इन सारी चीजों के लिए एक खास जगह प्रदान किया गया है जिसमें आपका कागज जहां भी है उसका पूरा प्रमाण आपके सर्टिफिकेट में अंकित होगा जिससे कि कोई भी पदाधिकारी आपके साथ सर्टिफिकेट को लेकर प्रश्नचिन्ह खड़ा नहीं कर सकता है क्योंकि संविधान  तरीके से आप बिल्कुल सही है इसलिए आपको निश्चित तौर से पीला दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवा ही लेना चाहिए ताकि आप पर  और आपके दिव्यांग प्रमाण पत्र पर कोई प्रश्न चिन्ह खड़ा ना कर सके और आपको सभी योजनाओं का लाभ सही तरीके से मिल सके हो सकता है की पुराने सर्टिफिकेट से आपको कोई दिक्कत तो ना होता हो सभी जगह काम हो जाता हूं लेकिन मेरे दिव्यांग समाज मैं यह बताना चाहूंगा कि जो पदाधिकारी आपका काम नहीं करना चाहता होगा और चाहेगा कि आपका काम किसी तरीके से रुक जाए तो उसमें वह पदाधिकारी आपके सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके आपको योजना से वंचित कर सकता है इसलिए इस त्रुटि को खत्म ही कर दे दिव्यांग समाज ताकि कोई भी पदाधिकारी को बहाना का मौका ही प्रदान ना हो सकती क्योंकि संविधान तो संविधान है वह लिखित है उसे जानते हुए अनजान बनना हमारी मूर्खता होगी  दिव्यांगों के लिए एकदम अनिवार्य है इस सर्टिफिकेट का होना ।

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