सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : भारत के सभी बैंकों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए जीरो बैलेंस पर खाता खुलवाने का एक निर्देश सभी बैंकों को जारी हुआ था उसके तहत सभी दिव्यांगों ने आईसीआईसी बैंक में अपना खाता खुलवाया था और जिसके तहत उनकी सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं सभी कल्याणकारी योजना का पैसा उस बैंक में आता है मैं बता दूं कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन या छात्रवृत्ति राशि जीरो बैलेंस अकाउंट पर ही दिया जाता है जो ऑनलाइन है जो खाते में आता है वैसे में जो तुगलकी फरमान आईसीआईसी बैंक के द्वारा बैंक सर्कुलर बदलते हुए आया है की सभी जीरो बैलेंस खाते वाले अपना बैंक अकाउंट को मिनिमम सेविंग अकाउंट में बदल लीजिए यह सुसाइड नोट तैयार करने के समान है क्योंकि दिव्यांगों का मासिक पेंशन महज ₹400 आता है और वह कई प्रोसेस के तहत कई विभागों के तहत दी जाती है वैसे में अगर दिव्यांगों का खाता बंद कर दिया जाता है तो वह त्राहिमाम त्राहिमाम करने लगेंगे क्योंकि कई प्रोसेस से गुजरने के बाद और कई विभागों से गुजरने के बाद यह पैसा खाता में आता है अगर एक भी अकाउंट बंद हो गया जो कल्याणकारी अकाउंट है तो दिव्यांग लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उनका आए इतना अधिक नहीं है कि वह मिनिमम सेविंग अकाउंट खुलवा सकते उन्हें मासिक पेंशन के रूप में महज ₹400 प्राप्त होते हैं अभी 3 महीनो पर तो वह कहां से दे पाएंगे यह पैसे सरकारी सर्कुलर में लिखा हुआ है की दिव्यांगों को जितने भी कल्याणकारी योजना चाहे वह कोई भी कल्याणकारी हो योजना उनका खाता जीरो बैलेंस पर खुलना चाहिए तभी उनको कल्याणकारी योजना का लाभ मिल पाएगा अन्यथा नहीं तो आप बता दें कि अगर पैसे जमा करना में किसी दिव्यांग के ₹125 लग जाएंगे और निकालने में सो ₹125 लग जाएंगे किसी भी दिव्यांग को कहीं आने जाने में कठिनाई होती है इसको देखते हुए सरकार ने खाते पर उनका पेंशन सामाजिक कल्याण विभाग समाजिक को कोषांग और नगर निगम से बैंक अकाउंंट में भेजा गया ताकि हर प्रकार के सामाजिक और कल्याणकारी योजना बिना भाग दौड़ के उन दिव्यांग तक पहुंच सके नेट बैंकिंग का सहारा दिव्यांगों ने लिया ताकि घर बैठे वह अपनी योजनाओं का लाभ उठा सकें लेकिन उसमें भी लगेगा तो दिव्यांग कहांं से दे पाएंगे यह सोचने की बात है यह नियम आईसीआईसी बैंक का क्या कहता है इसे जाने आप –
प्राइवेट सेक्टर के बैंक आईसीआईसीआई ने जमा और निकासी पर चार्ज वसूलने का फैसला किया है। अब से बैंक के सभी ग्राहकों को बैंक में पैसे जमा करने या निकालने पर 100 से 125 रुपए तक का शुल्क देना होगा। 16 अक्टूबर से लागू होने वाले इस नियम के तहत मशीन के जरिए बैंक में पैसा जमा करने पर भी शुल्क लगेगा। इसके साथ ही बैंक ने अपने ‘जीरो बैलेंस’ अकाउंट होल्डर्स को खाते को किसी अन्य बेसिक सेविंग्स खाते में बदलने या खाता बंद करने की सलाह भी दी है।
मोबाइल बैंकिंग व इंटरनेट बैंकिंग के लिए नहीं देना होगा कोई शुल्क
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डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की पहल
आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार रात को एक नोटिस जारी किया था। नोटिस में लिखा था कि, ‘हम अपने ग्राहकों को बैंकिंग लेन-देन डिजिटल मोड में करने के लिए उत्साहित करते हैं, जिससे डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव को बढ़ावा मिल सके।
इसके अतिरिक्त बैंक ने मोबाइल बैंकिंग व इंटरनेट बैंकिंग के जरिए होने वाले नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर ( NEFT ), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट ( RTGS ) और यूपीआई लेन-देन पर लगने वाले तमाम तरह के शुल्क को खत्म कर दिया है।
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आरटीजीएस के तहत देना होता है 45 रुपए का शुल्क
मौजूदा समय में 10,000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक के एनईएफटी लेन-देन पर 2.25 रुपए से लेकर 24.75 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है। वहीं, शाखाओं से दो लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक किए जाने वाले आरटीजीएस लेन-देन के लिए 20 रुपए से लेकर 45 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है।
इस नियम में पूर्णता बदलाव हो दिव्यांगों के लिए तोशियास जो दिव्यांगों के लिए निरंतर काम करती रहती है उनका मांग बैंक से ताकि दिव्यांग लोगों को आत्मनिर्भर बनाने बैंंक अपनी भूमिका निभाए।