डाकिया और डाक सेवक भी जल्द बेच सकेंगे बीमा, इरडा जल्द जारी करेगा दिशा-निर्देश

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक जल्द ही बीमा बेचते नजर आएंगे। बीमा नियामक इरडा जल्द ही इससे जुड़े दिशा-निर्देश जारी करने जा रहा है, जिसके बाद इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) के लिए उनको यह काम सौंपने का रास्ता साफ हो जाएगा।इरडा ने कहा कि एक कॉरपोरेट एजेंट के रूप में काम कर रहा आईपीपीबी, डाक विभाग (डीओपी) के डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों को प्वाइंट ऑफ सेल्सपर्सन (पीओएस) के तौर पर काम करने के वास्ते प्रायोजित करने के लिए इरडा से अनुमति मांग सकता है।

बीमा नियामक ने कहा कि प्राधिकरण से मंजूरी मिलने की स्थिति में पीओएस के तौर पर नियुक्त लोगों की गलतियों और कमीशन जैसे कार्यों के लिए आईपीपीबी ही जवाबदेह होगा। नियामक ने कहा कि डीओपी को डाकियों और ग्रामीण सेवकों की पहचान करनी होगी और समय-समय पर उनकी सूची उपलब्ध करानी होगी। इसके साथ ही आईपीपीबी नियमों के तहत विभिन्न बीमा कंपनियों से समझौते भी कर सकता है।

इरडा ने कहा, ‘ये डाकिये और ग्रामीण डाक सेवक बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और बैंकिंग सुविधाओं के तहत आने वाले क्षेत्रों में काम कर सकेंगे। साथ ही दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में बीमा उत्पादों को बेच सकते हैं।’

बेच सकेंगे ये उत्पाद

वाहन बीमा, यात्रा बीमा, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा, टर्म बीमा जैसे ज्यादा उत्पादों में कागजी कार्यवाही कम ही होती है। प्रॉस्पेक्टस में मिली जानकारी के आधार पर सिस्टम द्वारा स्वत: ही बीमा पॉलिसी जारी कर दी जाती है। इरडा ने कहा कि ऐसे उत्पादों के लिए प्रशिक्षण और परीक्षा आदि की कम ही जरूरत पड़ती है।

प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए आईपीपीबी होगा जिम्मेदार

इरडा ने कहा, ‘इसलिए देश में बीमा कारोबार को बढ़ाने के क्रम में प्राधिकरण पीओएस से संबंधित दिशानिर्देश जारी करने की प्रक्रिया में है। इससे वित्तीय समावेशन में इजाफा होगा।’ डाकियों और डाक सेवकों के प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए आईपीपीबी जवाबदेह होगा। आईपीपीबी को इस काम के वास्ते डाकियों और डाक सेवकों की पहचान के लिए एक व्यवस्था भी विकसित करनी होगी।

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