पैरा कानूनी वास्वयंसेवक की वैकेंसी में दिव्यांगों के साथ अन्याय

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण दिल्ली के तरफ से जो वैकेंसी पैरा कानूनी वास्वयंसेवक की  यह पोस्ट भारत सरकार के द्वारा दिव्यांगता के क्षेत्र में या किसी दिन ही इनकी क्षेत्र में काम करने वाले को दिया जाता है उसके लिए उनको सैलरी भी दी जाती है अब आप बता दें की इस क्षेत्र में काम करने वाले दिव्यांगों को यह नौकरी नहीं दी जाएगी तो किसे दी जाएगी जबकि इसके सर्कुलर में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है की इस पोस्ट का निर्माण इसीलिए होता है कि विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले समाजसेवियों को सरकार अपना संरक्षण प्रदान करेगी एवं उसके लिए उन स्वयंसेवी को वेतन प्रदान करेगी उनके काम के अनुसार तो इस स्थान पर दिव्यांगों को नई दिव्यांग अधिनियम 2016 के तहत आरक्षण प्रदान होना चाहिए जो उनका मौलिक और संवैधानिक अधिकार है उन्हें प्रदान नहीं किया गया इसको लेकर संबंधित विभाग से बातचीत करेंगे तोशियास संस्था ताकि वैसे दिव्यांग जो अपने अधिकारों से वंचित हैं उन्हें अपना अधिकार मिल पाए एवं उन दिव्यांगों को आने जाने की तकलीफ के बावजूद भी कोई असुविधा का सामना नही करना पड़े और इस पोस्ट का उद्देश्य भी यही होता है तब जाकर इस पोस्ट के उद्देश्य की पूर्ति होगी और तब जाकर दिव्यांगों को उनका मौलिक अधिकार मिल पाएगा आइए जाने इस पद का निर्माण सरकार केे द्वारा क्यों किया जाता इस पद का निर्माण सरकार केे द्वारा सभी पंचायतों में इसलिए किया जाता है की सरकार के किसी भी योजना से कोई वंचित न रह और यह पद उनको दिया जाता है जो अपने अपने चयनित क्षेत्रों में दिव्यांग वंचित दीन हीन को आगे बढ़ाने में सभाओं का आयोजन करते हैं एवं उन्हें उनके अधिकार से जोड़ते हैं और वह सरकार और समाज के बीच की कड़ी कहलाते हैं फिर भी इस पद से अगर दिव्यांगोंं को वंचित रखा जाएगा तो दिव्यांग समाज को आगे कौन बनाएगा एक दिव्यांग की पीड़ा एक दिव्यांग व्यक्ति ही समझ सकता है नहीं की सामान व्यक्ति और इस पद का निर्माण दिव्यांग व्यक्तियोंं को समाज के दबे कुचले वर्गों के व्यक्तियों आगेे बढ़ाने के लिए किया गया है तो इससे दिव्यांग समाज को वंचित क्यों रखा गया है यह काफी निंदनीय बात है ।

Check Also

हॉस्पिटल का परिभाषा है भ्रष्टाचार।

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : स्वास्थ्य विभाग के मिशन 60 और …