कोव‍िड 19 के दौरान दिव्यांगजनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए व्यापक दिव्यांगता समावेशी दिशानिर्देश।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : कोव‍िड 19 के दौरान दिव्यांगजनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए व्यापक दिव्यांगता समावेशी दिशानिर्देश।दुनिया भर में कोव‍िड 19 के प्रकोप और तेजी से फैलने की इसकी प्रवृत्ति के कारण उत्‍पन्‍न इस महामारी की स्थिति को देखते हुए, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर आम जनता का स्वास्थ्य खतरे में है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को इस रोग के प्रसार को रोकना के लिए तत्काल उपाय करने की आवश्यकता है। भारत सरकार ने कोव‍िड 19 से उत्पन्न इस स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया है और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

2. स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर नोडल केंद्रीय मंत्रालय होने के नाते स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए आम जनता के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बातों के साथ निम्‍नलिखित शामिल हैं: –
● नागरिकों और अग्रणी (फ्रंटलाइन) कार्यकर्ताओं के लिए जागरूकता सामग्री (हिंदी और अंग्रेजी दोनों में);
● सामूहिक समारोहों और सामाजिक दूरी पर सलाह;
● मरीजों की देखभाल के लिए टेलीमेडिसिन उपाय सहित अस्पतालों द्वारा अपनाए जाने वाले दिशानिर्देश और प्रक्रिया;

● प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न
3. जबकि कोव‍िड 19 पूरी जनता को प्रभावित कर रहा है, लेकिन उनकी शारीरिक, संवेदी और ज्ञान-संबंधी सीमाओं के कारण दिव्‍यांगजनों की इस बीमारी की चपेट में आने की संभावना ज्‍यादा है। इसको देखते हुए, इस सकंट की स्थिति के दौरान उनकी सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए उनकी दिव्‍यांगता विशिष्ट आवश्यकताओं, दैनिक जीवन की गतिविधियों को समझने और उपयुक्‍त एवं समयोचित उपाय करने की आवश्यकता है।
4. दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 8 इन स्थितियों में दिव्‍यांगजनों के लिए समान संरक्षण और सुरक्षा की गारंटी देती है। यह आपदा प्रबंधन गतिविधियों में दिव्‍यांगजनों को शामिल करने और उन्हें इस के बारे में विधिवत जानकारी देने के उपाय करने के लिए जिला/ राज्य/ राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को जनादेश भी देता है। इन अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के दौरान दिव्‍यांगजनों के लिए संबंधित राज्य आयुक्त को शामिल करना अनिवार्य रूप से आवश्यक है। सितंबर 2019 में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उपर्युक्त प्रावधानों के अनुरूप दिव्‍यांगता समावेशी आपदा जोखिम में कमी (डीआईडीआरआर) पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशानिर्देश जारी किए। इसके अलावा, हाल ही में 24 मार्च 2020 को, गृह मंत्रालय ने 25.3.2020 से शुरू करके 21 दिनों की अवधि के लिए कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न अधिकारियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
5. जबकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश सभी नागरिकों के लिए लागू होते हैं, लेकिन निम्नलिखित उपाय विभिन्न राज्य / जिला अधिकारियों द्वारा कोविड 19 के दौरान दिव्‍यांगजनों के संरक्षण और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सुझाए गए हैं।

6. सामान्य कार्रवाई बिंदु
● कोविड 19, दी जाने वाली सेवाओं और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में सभी जानकारी सरल और स्थानीय भाषा में सुगम्‍य रूपों अर्थात् दृष्टि दिव्‍यांगों के लिए ब्रेल में और सुनने वाले टेप में, श्रव्‍य दिव्‍यांगजनों के लिए उप-शीर्षक के साथ वीडियो-ग्राफिक सामग्री और सांकेतिक भाषा व्याख्या तथा सुगम्‍य वेबसाइटों के माध्यम से उपलब्‍ध होनी चाहिए।
● आपातकालीन और स्वास्थ्य सेटिंग्स में काम करने वाले सांकेतिक भाषा दुभाषियों को कोविड 19 से निपटने वाले अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के समान ही स्वास्थ्य और सुरक्षा संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।
● आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवाओं को संभालने के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों को दिव्‍यांगजनों के अधिकारों और विशिष्ट दिव्‍यांगता वाले व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त समस्याओं से जुड़े जोखिमों पर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
● दिव्‍यांगजनों के समर्थन में प्रासंगिक जानकारी सभी जागरूकता अभियानों का एक हिस्सा होनी चाहिए।
● अलग रखने की अवधि (क्‍वरनटाइन) के दौरान, देखभालकर्ता की सहायता पर निर्भर दृष्टि दिव्‍यांगों, बौद्धिक/ मानसिक दिव्‍यांगता (मानसिक-सामाजिक) वाले व्यक्तियों को आवश्यक सहायता सेवाएं, व्यक्तिगत सहायता और शारीरिक तथा संचार सुगम्‍यता सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसी प्रकार दिव्‍यांगजन अपनी व्हीलचेयर और अन्य सहायक उपकरणों में आई खराबी के सुधार के लिए सहायता प्राप्‍त कर सकते हैं।
● दिव्‍यांगजनों की देखभाल करने वालों को लॉकडाउन के दौरान प्रतिबंध से छूट देकर या प्राथमिकता पर आसान तरीके से पास प्रदान करके दिव्‍यांगजनों तक पहुंचने की अनुमति दी जानी चाहिए।
● न्‍यनूतम मानव संपर्क वाले दिव्‍यांगजनों के लिए समर्थन सेवाएं बनी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए, उनकी देखभाल करने वालों की व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रचार की आवश्यकता है।
● आवसीय कल्‍याण संघों (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों) को दिव्‍यांगजनों की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि उचित सैनिटाइजिंग प्रक्रिया का पालन करने के बाद नौकरानी, देखभाल करने वाले और अन्य सहायता प्रदाताओं को उनके निवास में प्रवेश करने की अनुमति मिल सके।
● दिव्‍यांगजनों को आवश्यक भोजन, पानी, दवा तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए और जहां तक संभव हो, ऐसी वस्तुओं को उनके निवास स्थान या उस स्थान पर पहुंचाया जाना चाहिए जहां उन्‍हें क्‍वरनटाइन किया गया है।
● राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश, दिव्‍यांगजनों और वृद्ध व्यक्तियों को उनकी दैनिक आवश्यकताओं का सामान आसानी से उपलब्ध हो जाए यह सुनिश्चित करने के लिए सुपर बाजारों सहित किराने की दुकानें खोलने का विशिष्ट समय निर्धारित करने पर विचार कर सकते हैं।
● दिव्‍यांगजनों के लिए क्‍वरनटाइन के दौरान उनके सहयोग के लिए सहकर्मी नेटवर्क स्थापित किया जा सकता है;
● आपातकालीन अवधि के दौरान जिन दिव्‍यांगजनों को यात्रा पास दिया जाना है, उनकी दिव्‍यांगता के आधार पर अतिरिक्त सुरक्षात्मक उपाय किए जाने चाहिए और उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा और संरक्षण के लिए उन्हें जागरूक भी किया जाना चाहिए।
● दिव्‍यांगजनों को प्राथमिकता दिए जाने के बजाए उनका उपचार करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। दिव्‍यांग बच्चों और महिलाओं के संबंध में विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
● सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में दृष्टि दिव्‍यांग और अन्य गंभीर दिव्‍यांगता वाले कर्मचारियों को इस अवधि के दौरान आवश्यक रूप से छूट दी जानी चाहिए क्योंकि वे आसानी से संक्रमित हो सकते हैं।
● क्‍वरनटाइन की अवधि से निपटने के लिए दिव्‍यांगजनों के साथ-साथ उनके परिवारों को तनावमुक्‍त करने के लिए ऑन-लाइन परामर्श तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।
● सांकेतिक भाषा व्‍याख्‍या और वीडियो कॉलिंग की सुविधाओं के साथ विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए राज्य स्तर पर 24X7 हेल्पलाइन नंबर स्थापित किया जाए।
● राज्य / केंद्र शासित प्रदेश दिव्यांगजनों के उपयोग के लिए कोविड 19 पर सूचना सामग्री तैयार करने और इसका प्रसार करने में दिव्यांगजनों के संगठन को शामिल करने पर विचार कर सकते हैं।

7. इस अवधि के दौरान दिव्‍यांगता के विशिष्ट मामलों को हल करने के लिए तंत्र
(क) दिव्यांगजनों के लिए राज्य आयुक्त
● दिव्यांगजनों के संबंध में राज्य आयुक्तों को दिव्यांगजनों के लिए राज्य नोडल प्राधिकारी घोषित किया जाना चाहिए।
● संकट की अवधि के दौरान दिव्‍यांगता के विशिष्ट मामलों को हल करने के लिए उन्हें समग्र प्रभारी होना चाहिए।
● वे राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, स्वास्थ्य, पुलिस और अन्य विभागों के साथ-साथ जिला कलेक्टरों और दिव्यांगजनों से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे।
● वे यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार होंगे कि कोविड 19, सार्वजनिक प्रतिबंध योजनाओं, प्रस्‍तुत की गई सेवाओं से संबंधित सभी जानकारी स्थानीय भाषाओं में सुगम्‍य प्रारूपों में उपलब्ध हैं।

(ख) दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण से संबंधित जिला अधिकारी
● दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण से संबंधित जिला अधिकारी को दिव्यांगजनों के संबंध में जिला नोडल प्राधिकारी घोषित किया जाना चाहिए।
● उनके पास जिले के दिव्यांगजनों की एक सूची होनी चाहिए और उन्‍हें समय-समय पर उनकी आवश्यकताओं की निगरानी करनी चाहिए तथा उनके पास उन दिव्यांगजनों की एक अलग सूची होनी चाहिए जिन्हें उस इलाके में अधिक सहायता की आवश्यकता है।

 

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