दिव्यांगों को बैंक डूबने पर 90 दिन में पैसा वापस देगी सरकार इस योजना के तहत

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : अगर आप दिव्यांग है और कहीं भी भागदौड़ नहीं कर सकते हैं और किसी कारण बस आप जिस बैंक में अपना पैसा डालते हैं और वह बैंक बंद हो जाता है तो आप निराश मत हो आपका पैसा आपको मिलेगा इस योजना के तहतआप जॉब करते हों या अपना कोई रोजगार करते हों या फिर खेतीबाड़ी… अपनी आमदनी में से बचत करना बहुत ही जरूरी होता है. बचत की गई राशि को निवेश करना भी जरूरी होता है. ताकि बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सके, अपनी रकम को बढ़ाया जा सके और उसे मोटी पूंजी में तब्दील किया जा सके. तभी तो अचानक जरूरत पड़ने पर यह रकम हमारे काम आएगी. आपने भी बैंकों में निवेश कर रखा होगा, बचत खाता खुलवा रखा होगा, एफडी करवाई होगी या फिर किसी अन्य योजना में निवेश किया होगा…!बैंकों में आपने कितनी राशि जमा कर रखी है? पिछले कुछ वर्षों में सामने आए बैंक घोटालों, गड़बड़झालों और दिवालिया होने की खबरों के बीच क्या आपको भी यह डर लगता है कि बैंकों में जमा आपकी रकम डूब सकती है? चिंता तो होती होगी! बैंक डूब गए तो उनमें जमा आपके पैसों का क्या होगा? आपके मेहनत की कमाई आपको मिलेगी या नहीं? ऐसे तमाम सवाल मन में उठते होंगे! लेकिन चिंता की बात नहीं है. बैंक में जमा आपका पैसा एक निश्चित सीमा तक सुरक्षित रहेगी. मंगलवार को केंद्र सरकार ने भी इस बारे में स्पष्ट कर दिया है.संसद में केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि जिस बैंक में आपका पैसा जमा है, अगर वह डूब जाता है और आपके अकाउंट से पैसा निकालने पर रोक लगा दी जाती है, तो चिंता की बात नहीं. आपका 5 लाख रुपए तक की जमा राशि सुरक्षित रहेगी. आपको यह राशि 90 दिन यानी करीब 3 महीने में वापस मिल जाएगी.दरअसल, सरकार डीआईसीजीसी एक्ट में बदलाव की तैयारी में है. इसमें ऐसी व्यवस्था करने पर विचार किया जा सकता है. DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन. यह रिजर्व बैंक के अधीन एक निगम है, जिसे निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) कहा जाता है.बजट-2021 में बढ़ाया गया है बैंक कवरDICGC एक्ट में सरकार जिस बदलाव की तैयारी में है, उससे डिपॉजिटर को बहुत बड़ी राहत होगी. बैंकों में अपनी मेहनत की कमाई से बचाकर पैसे जमा करने वाले आम लोगों को तय समय में उनका पैसा मिल जाएगा. बैंक डूबने की स्थिति में उन्हें 5 लाख रुपए तक की रकम 90 दिनों में वापस मिल जाएगी.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में बैंक कवर बढ़ाने का ऐलान किया था, जिसके मुताबिक, DICGC एक्ट के तहत बैंकों में जमा 1 लाख की बजाय अब 5 लाख तक की रकम इंश्योर्ड यानी सुरक्षित रहेगी. बाय चांस बैंक अगर डूब भी गए तो DICGC के कवर के मुताबिक, जमाकर्ता को उनका पैसा तय समयसीमा के अंदर मिल जाएगा.बैंक घोटालों के मद्देनजर किया गया प्रावधानकेंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में बैंक कवर बढ़ाए जाने संबंधी यह ऐलान पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में हुए फ्रॉड के बाद किया था. इस बीच वित्तीय संकट में फंसे यस बैंक ने भी बैंक में रोजाना की निकासी पर लिमिट लगा दी थी.कभी 30 हजार तक की ही गारंटी हुआ करती थीरिपोर्ट्स के मुताबिक, मई 1993 से पहले तक डिपॉजिटर को बैंक डूबने की परिस्थिति में उनके खाते में जमा 30,000 रुपये तक की रकम पर ही वापसी की गारंटी हुआ करती थी. वर्ष 1992 में एक सिक्योरिटी स्कैम के कारण इसमें बदलाव किया गया. तब बैंक ऑफ कराड के दिवालिया हो जाने के बाद इंश्योर्ड डिपॉजिट की रकम की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपए की गई थी.अब 5 लाख रुपये तक की रकम की सुरक्षा की गारंटी वर्ष 2011 में आई रिजर्व बैंक की कमेटी ऑन कस्टमर सर्विस इन बैंक्स की रिपोर्ट में बैंक डिपॉजिट के सिक्योरिटी कवर को बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का सुझाव दिया गया था. अब सरकार ने इसे मान लिया है.

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