सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का जिक्र किया है। इसे भारत ने भी अंगीकार किया है। राज्य का दायित्व है कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को प्रभावी ढंग से लागू करे। शारीरिक रूप से अशक्त लोगों के लिए लाए गए नियम, कानून, आदेश और सर्कुलर ‘दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र का सम्मेलन’ के अनुकूल होने चाहिए। इसके अलावा दिव्यांग जन संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत प्राप्त बराबरी के अधिकार के हकदार हैं। अनुच्छेद 19 के तहत व्यक्ति को कोई रोजगार और व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता है।
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