सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : क्या आप जानते हैं कि हम लोगों को 24 घंटे बिजली क्यों नहीं मिलती है? आज हम लोग जानने की कोशिश करते हैं। इसे जानने से पहले हम लोग यह जान लेते हैं। बिजली हमें कैसे उपलब्ध होती है? 132 किलो वोल्ट का बिजली सबसे पहले जीएसएस यानी ग्रिड सब स्टेशन में आती है। ग्रिड सबस्टेशन में लगे पावर ट्रांसफॉर्मर जिसका रेटिंग मेगा वोल्ट एम्पीयर यानी एम0बी0ए0 होता है। वह 132 किलो वोल्ट के बिजली को 33 किलो वोल्ट में बिजली को बदल देती है ।अब 33 किलो वोल्ट की बिजली ग्रिड सब स्टेशन से अलग-अलग पावर सब स्टेशन यानी पी0 एस0 एस0 में पहुंचती है। पी0 एस0 एस0 में लगे पावर ट्रांसफॉर्मर जिसका रेटिंग भी MVA है वह 33 किलो वोल्ट के बिजली को 11 किलो वोल्ट में बदल देती है। अब 11 किलो वोल्ट की बिजली अलग-अलग फीडरों द्वारा अलग-अलग इलाकों में पहुंच जाती है।11 किलो वोल्ट का बिजली आप के इलाके में लगे ट्रांसफॉर्मर मे पहुंचती है। जिसे बिजली विभाग की भाषा में डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर यानी डीटीआर कहते हैं डीटीआर 11 किलो वोल्ट के बिजली को 230 वोल्ट के बिजली में बदल देती है और सर्विस वायर के द्वार बिजली आपके घर में पहुंच जाती है I अब आप यह सोच रहे होंगे कि जब बिजली हमारे घर में इस प्रकार पहुंच जाती है तो फिर क्यों नहीं हमें 24 घंटे बिजली उपलब्ध होती है। 24 घंटे बिजली नहीं मिलने की कुछ कारणों को जानने की कोशिश करते हैं। जहां बिजली उत्पन्न की जाती है वहां कभी-कभी बिजली के उत्पादन में कमी आ जाती है। इस हालत में वह ग्रिड सबस्टेशन को आदेश देती है कि आप कम बिजली का उपयोग करें। इससे उदाहरण स्वरूप समझने की कोशिश करते हैं।ग्रिड सब स्टेशन से लगे पावर सब स्टेशन को मिलाकर अगर उसे 80 मेगा वाट की आवश्यकता है और उसे 30 मेगा वाट लेने का आदेश हो तो उस हालात में ग्रिड सब स्टेशन सभी पावर सब स्टेशन को। बतलाती है कि हमें केवल 30 मेगावाट मिला है उस हालत में पावर सबस्टेशन अपने-अपने फ़ीडर में रोटेशन एवं लोड शैडिंग का कार्य शुरू कर देती है।जिस से आपको 24 घंटे बिजली नहीं मिल पाती है।लोड शेडिंग केवल पावर कम मिलने के कारण ही नहीं होती है बल्की पावर सबस्टेशन में लगे पावर ट्रांसफॉर्मर की क्षमता के कारण भी होती है। उदाहरण स्वरूप इस बात को समझने की कोशिश करते हैं।पावर सब स्टेशन में अगर 5 MVA का पावर ट्रांसफार्मर लगा हुआ है।पावर ट्रांसफॉर्मर का मात्र 80 परसेंट ही उपयोग में लाया जा सकता है यानी 5 MVA का पावर ट्रांसफार्मर मात्रा 4 मेगा वाट के लोड को को अच्छी तरह सहन कर सकता है।और सुरक्षित रह सकता है इस से ऊपर लोड होने से ट्रांसफार्मर की जलने की संभावना बढ़ जाती है इस हलत में ट्रांसफार्मर की सुरक्षा के लिए लोडशेडिंग की प्रक्रिया की जाती है। जहां यह समस्या उत्पन्न हो रही है उस स्थान पर बिजली विभाग को चाहिए कि इस समस्या से निपटने के लिए ट्रांसफार्मर की क्षमता को बढ़ाना चाहिए। ब्रेकडाउन की समस्या के कारण भी आपको 24 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं हो पाती है।जर्जर तार का गिरना इंसुलेटर का पंचर होना। पेड़ की टहनी का कंडक्टर के संपर्क में आ जाना। आदि कारणों के कारण ब्रेकडाउन होती है। इस समस्या को निपटने के लिए बिजली विभाग को चाहिए कि मैनपावर बढ़ाएं एवं समय-समय पर कंडक्टर।आदि का निरीक्षण करते रहें ताकि बिजली की समस्या कंजूमर को ना हो पाए।
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