सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : कुछ दिनों में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने दिव्यांगों के लिए घोषणा पत्र जारी किया जिसमें सभी सुख सुविधा जो दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत संवैधानिक रूप से भारत के प्रत्येक दिव्यांग को मिलना चाहिए लेकिन नहीं मिल पाए उन सारी सुविधाओं को और अपने तरफ से भी कुछ सुविधा और कुछ राशि देने की बात कही है यहां तक तो अच्छी बात है लेकिन ध्यान देने की बात है की दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 को लागू हुई कई वर्ष बीत गए और सभी राज्यों को एक समान तोर से सभी सुख सुविधा प्रदान करना था लेकिन प्रदान नहीं हो सका और इसमें सभी पार्टियों की जिम्मेदारी थी उसे समय से आज तक किसी भी पार्टी ने इस समाज का हाल समाचार भी नहीं लिया और जब चुनाव का समय आया तो अपनी चुनावी घोषणा पत्र में इसे सम्मिलित किया यह विषय वस्तु चुनावी घोषणा पत्र का तो है ही नहीं भारत के समस्त राजनीतिक पार्टियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि इस अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू किया जाए इस पर आवाज बुलंद की जाए और इसे लागू करने में इतना विलंब क्यों हो रहा है इस पर सवाल खड़ा किया जाए लेकिन एक बड़ा सवाल लिया है कि अभी तक इन्हें हमारी कोई चिंता नहीं थी और जैसे ही चुनाव का समय आया हमारी चिंता सताने लगी कहीं यह चुनावी जुमला तो नहीं जिसमें हमें ढाल के रूप में हमें प्रयोग किया जा रहा हो वर्तमान और इतिहास को देखने से तो हमें यही प्राप्त होता है कि जब तक हमारा संविधानिक अधिकार हमें मिल नही जाए तब तक हमें किसी बात पर भरोसा नहीं करना चाहिए आप जानते हैं ना की 45 साल किस पार्टी का शासन रहा और उसे समय भी दिव्यांग उपेक्षित और आज तक उपेक्षित इस बात का विशेष ख्याल रखा जाए दूसरा की इसी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह जी ने यह कहा था और अपनी किताब में व्याख्या पूर्ण विवरण किया था कि दिव्यांग वोट बैंक नहीं तब से राजनीतिक पार्टियों में दिव्यांगों की अपेक्षा आरंभ हो गई थी साथ ही साथ मैं याद दिलाना चाहूंगा करोड़ अरबो रूपया का वह साइकिल घोटाला जो पूरे भारत में हुआ था जिसमें प्रमुख रूप से सलमान खुर्शीद का नाम आया था और पूरे भारत में पुतला भी दहन किया गया था तो हमें इतिहास से भी कुछ सीखना चाहिए मैं यह नहीं कहता की घोषणा पत्र को पूरा नहीं किया जाएगा लेकिन जब तक घोषणा पत्र पूरा नहीं हो जाए तब तक आंख बंद करके विश्वास करना वाली बात भी नहीं सदियों से दिव्यांग समाज को राजनीतिक पार्टी धोखा देने का काम किया इसलिए मैं ईश्वर से यही कामना करूंगा कि यह जुमला नहीं हो और दिव्यांगों के भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों इस पर काम करेगी क्या है घोषणा पत्र में दिव्यांगों के लिए खास इसकी पूरी जानकारी इस प्रकार है-दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पुनर्वास दिव्यांगों का अधिकार दिव्यांगजनों को उनके अधिकार सुनिश्चित करेंगे। शासकीय सेवाओं में दिव्यांगों के 6 प्रतिशत आरक्षण का पालन कराते हुए इसे अनुदान प्राप्त संस्थाओं में भी लागू करेंगे। दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित रिक्त पदों की भर्ती करेंगे और पदोन्नति में आरक्षण की माँग पर भी न्याय करेंगे। रोजगार मेला आयोजित करेंगे।आयुक्त, दिव्यांग के चयन की प्रक्रिया में सुधार करेंगे। शिक्षित, योग्य एवं अनुभवी की नियुक्ति करेंगे, इस पद पर दिव्यांग को प्राथमिकता देंगे।जिला स्तर से दिव्यांग प्रमाण पत्र की प्रक्रिया का आधुनिकीकरण करेंगे।प्रदेश में दिव्यांग हेल्पडेस्क स्थापित करेंगे ताकि दिव्यांगजनों को सभी सुविधाओं का लाभ सरलता से मिलना सुनिश्चित हो सके । बहुविकलांग एवं मंदबुद्धि को वित्तीय सहायता के रूप में प्रतिमाह रूपये 2,000/- देंगे एवं अन्य दिव्यांगों को 1200/- प्रति माह पेन्शन देंगे। दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि बढ़ाएंगे।दिव्यांगों का स्वास्थ्य बीमा सुनिश्चित करेंगे ।राज्य स्तर पर दिव्यांग आदर्श आवासीय विद्यालय बनायेंगे, जिसमें श्रवणबाधित, वाक्बाधित, दृष्टिबाधित एवं मंदबुद्धि बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देंगे। प्रदेश में दिव्यांग आवासीय महाविद्यालय खोलेंगे। दिव्यांगजनों की छात्रवृत्ति की राशि को 25 प्रतिशत तक बढ़ायेंगे । दिव्यांगजनों को कम्प्यूटर शिक्षा हेतु फीस 2000 रूपये महीना करायेंगे दिव्यांगजनों के लिए परिवहन मासिक भत्ता बढ़ाकर रूपए 1000 करेंगे। दिव्यांगों का आर्थिक सशक्तिकरण दिव्यांगजनों के कौशल उन्नयन के लिए पृथक से उनके अनुकूल प्रशिक्षण योजना चलायेंगे एवं दिव्यांगजनों को व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि आवंटन में रियायत एवं प्राथमिकता देंगे। स्वरोजगार हेतु रियायती दर पर ऋण व अनुदान देंगे।दिव्यांग कल्याण निधि स्थापित करेंगे। निराश्रित निधि की तरह ही जमा राशि का उपयोग दिव्यांगजनों के कल्याण, पुनर्वास एवं सहायक उपकरण यथा ट्राय साइकल, व्हील चेयर, श्रवण यंत्र, चश्मा निःशुल्क प्रदाय करेंगे। इस निधि से दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र सुचारू रूप से संचालित करेंगे।प्रदेश की पहचान बनाने में दिव्यांगों को मध्यप्रदेश का ब्रांड एम्बेसडर बनायेंगे। प्रति वर्ष 3 दिसम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस पर प्रतिभाशाली दिव्यांगजनों का सम्मान करेंगे। दिव्यांगजनों की अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पैरा गेम्स प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल पाने वाले खिलाड़ियों को दिव्यांगजन खिलाड़ी सम्मान सामान्य खिलाड़ियों जैसे होगा एवं सरकारी नौकरी दी जाएगी। प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय पैरा गेम्स आयोजित कराएंगे। खेल सुविधा का विस्तार करेंगे।दिव्यांगजनों के निःशुल्क ड्रायविंग लाईसेंस बनवायेंगे एवं प्रक्रिया को सरल करेंगे।दिव्यांगजनों की बैंकिंग प्रक्रिया, जिसमें खाता खोलना, राशि आहरण एवं जमा करना आदि सुविधायुक्त बनायेंगे।दिव्यांगों को पंचायतों, सहकारी संस्थाओं एवं नगरीय निकायों में आरक्षण देंगे।दिव्यांगों को महानगरीय बस सेवाओं में निःशुल्क परिवहन की सुविधा देंगे।व्हील चेयर वितरण के लिए योजना लाएंगे।
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दिव्यांगों के लिए कौन कौन सी योजना है कौन-कौन सी गायब हो गई।
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