अब प्रत्यारोपण के लिए कोई भी दिव्यांग नहीं होंगे निराश उम्र की सीमा हुई समाप्त

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : अंक प्रत्यारोपण के लिए कोई भी दिव्यांग नहीं होंगे निराश उम्र की सीमा हुई समाप्त केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीवन के अधिकार के तहत इन जरूरतमंद बुजुर्गों को भी अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण कराने की अनुमति दी है। इसके बाद अब देश में 65 साल से अधिक उम्र के जरूरतमंद बुजुर्गों को भी अंगदान के तहत प्रत्यारोपण के लिए अंग (आर्गन) मिल सकेगा। सरकार ने वन नेशन, वन पालिसी फार आर्गन डोनेशन एंड ट्रांसप्लांटस तहत विभिन्न राज्यों में पंजीकरण के अलग-अलग नियमों को भी खत्म कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति अंग प्रत्यारोपण के लिए किसी भी राज्य में पंजीकरण करा सकेगा।स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक अंग प्रत्यारोपण के लिए 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के पंजीकरण पर पाबंदी थी। 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग सिर्फ परिवार के सदस्यों द्वारा दिए अंग ही प्रत्यारोपित करा सकते थे। लेकिन अब नेशनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (नोट्टो) ने अपने वेबसाइट पर नया नियम जारी किया है। इसके तहत सभी आयु वर्ग के रोगी मृत डोनरों के अंगों के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। अंगदान के तहत मिले अंगों का प्रत्यारोपण अब बुजुर्ग भी करा सकेंगे। अंगदान के तहत मिले अंगों के प्रत्यारोपण के लिए राज्यों की सीमाओं को भी खत्म कर दिया गया है।स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार कई राज्यों ने अपने यहां मिलने वाले अंगों के प्रत्यारोपण के लिए राज्य के मूल निवासी होने की शर्त लगा रखी थी। इस शर्त को अब खत्म कर दिया गया है। यानी अब किसी भी राज्य का निवासी किसी भी राज्य में अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण करा सकेगा। कई राज्यों में पंजीकरण की फीस पांच से 10 हजार रुपये तक थी। इस फीस को खत्म कर दिया गया है। पूरे देश में अंग प्रत्यारोपण के पंजीकरण के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी।

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