हर मैच में मिलेंगे अंक, यहां समझिए पूरा गणित हॉकी के अंदर नया रैंकिंग सिस्टम

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  बिहार के पूर्व हॉकी खिलाड़ी प्रशिक्षक एवं सचिव रहे योगेश जी जिनकी बदौलत बिहार में नैसर्गिक प्रतिभा को आगे बढ़ाएं  जा रहा है उनके द्वारा इस बात की प्रमुखता से जानकारी दी गई अंतरराष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) का नया रैंकिंग सिस्टम 1 जनवरी, 2020 से शुरू किया जाएगा। एफआईएच ने पिछले 12 महीने के अनुसंधान, विश्लेषण और परीक्षण के बाद नए रैंकिंग सिस्टम की विस्तृत जानकारी दी। एफआईएच के कार्यकारी बोर्ड ने लुसाने में हुई बैठक में मौजूदा टूर्नामेंट आधारित विश्व रैंकिंग की बजाय नए मैच आधारित रैंकिंग सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है।

एफआईएच का नया मैच रैंकिंग आधारित सिस्टम सभी राष्ट्रीय हॉकी संघों को ज्यादा रैंकिंग अंक हासिल करने का मौका देने के साथ मौजूदा प्रदर्शन की बेहतर तस्वीर पेश करेगा। एफआईएच के जिस रैंकिंग सिस्टम को बदला गया है वह 2003 से लागू था और इसमें टीमों को टूर्नामेंट में पूल में बांटा जाता था।

टूर्नामेंट पर आधारित रैंकिंग सिस्टम से नीची रैंकिंग वाली टीमों के पास अंक पाने का कम मौका रहता था। इसमें 60 फीसदी अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैचों में कोई रैंकिंग अंक नहीं मिलता था। इसी कारण एफआईएच के रैंकिंग सिस्टम में बदलाव की जरूरत महसूस की। नए मैच विश्व रैंकिंग सिस्टम में दो टीमों को हर एफआईएच के मान्यता प्राप्त मैच में शिरकत करने के आधार अंक मिलेंगे। इसमें टीमों को अंक देने के तीन बातों का ध्यान रखा जाएगा।

ये आधार होंगे

मैच का नतीजा, टीमों की रैंकिंग और मैच की अहमियत। इससे टीमों को ज्यादा अंक तो मिलेंगे ही और इससे टीमों को ज्यादा मैच खेलने को बढ़ावा मिलेगा। एफआईएच रैंकिंग को आंकने के लिए नए सिस्टम से टीमों की मौजूदा स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

हर देश 2020 का आगाज पिछली रैंकिंग  स्थिति और 2019 में उसने जितने रैंकिंग अंको के साथ समापन किया है, उसी से करेगा। नया मॉडल उस ईएलओ रेटिंग सिस्टम पर आधारित है जो अन्य खेलों में रैंकिंग सिस्टम का आधार है। जब दो देश एक दूसरे के खिलाफ मैच खेलेंगे तो दोनों देशों के बीच अंकों का आदान प्रदान होगा।

एक मैच में एक टीम जितने अंक हासिल करेगी दूसरी टीम उतने ही अंक गंवाएगी। टीम को अपने से उपर की रैंकिंग की टीम को हराने पर ज्यादा अंक मिलेंगे। वहीं टीम यदि अपने से कम अंक रैंकिंग वाली टीम से हारती वह ज्यादा अंक गंवाएगी।

यदि टीम अपने से कम रैंकिंग वाली टीम को हराती है तो उसे कम अंक मिलेंगे। यदि टीम अपने से उपर रैंकिंग वाली टीम से हारती है तो वह कम अंक गंवाएगी। यदि मैच ड्रॉ रहता है तो निचली रैंकिंग वाली टीम को कम अंक मिलेंगे और उंची रैंकिंग वाली टीम उतने ही अंक गंवाएगी।

कितने अंक दिए जाएंगे इसका फैसला अंक मैच के नतीजे (जीत,हार, शूटआउट, जीत/हार अथवा ड्रॉ), मैच की अहमियत (बड़े टूर्नामेंट का हिस्सा, अथवा उदाहरण के लिए टेस्ट सीरीज ) और मैच से पहले दोनों टीमों के बीच रैंकिंग अंको में अंतर से तय होगा।

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