सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांगों का सबसे महंगा दवा हुआ सस्ता दुनिया की सबसे मंहगी दवा जोलगेन्स्मा (Zolgngelsma) को जीसएटी से छूट देने का फैसला किया गया.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी प्रदान करवाई इसके अलावा एक और महंगी इंपोर्टेड दवा विल्टेप्सो (Viltepso) को जीएसटी से छूट दी गई. बता दें कि इन इंपोर्टेड दवाओं के एक डोज की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है. इनकी गिनती दुनिया की सबसे महंगी दवाओं में होती है. कई लाइफसेविंग दवाओं पर भी जीएसटी छूट का फैसला लिया गया है. सीतारमण ने कहा कि कुछ लाइफसेविंग दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज्यादा इस्तेमाल की जाती हैं. ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं. ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है. इस पर अब जीएसटी नहीं लगेगा. जोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं. भारत सरकार का यह बहुत बड़ा फैसला यह दिव्यांगता का सबसे महंगा सुई जीएसटी फ्री कर दिया है ऐसा करने वाला पूरी दुनिया में भारत पहला देश बन गया है। क्या है SMA बीमारी स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) बीमारी वाले बच्चों के शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता। इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं (Nerves) खत्म होने लगती हैं। दिमाग की मांसपेशियों की एक्टिविटी भी कम होने लगती है। ब्रेन से सभी मांसपेशियां संचालित होती हैं, इसलिए सांस लेने और खाना चबाने तक में दिक्कत होने लगती है। SMA कई तरह की होती है। Type-1 सबसे गंभीर बीमारी है। देश में अभी तक 5 लोगों और दुनिया में करीब 600 लोगों को SMA बीमारी के इलाज के लिए जोल्जेंसमा का इंजेक्शन लगा है।
