भारत के सभी दिव्यांगों को लेना चाहिए इनसे सीख

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : जंग से क्या हासिल? सबसे अच्छा और सटीक जवाब है- कुछ नहीं। पिछले साल जनवरी में एक तस्वीर ने हर किसी को जंग और उसके नतीजों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया। जिसने भी यह तस्वीर देखी, उसकी आंखें बरबस बरसने को मजबूर हो गईं। तस्वीर में एक व्यक्ति बैसाखी लगाए बच्चे को हवा में उछाल रहा था। बच्चा भी सामान्य नहीं था। वो इसलिए, क्योंकि उसके दोनों हाथ और दोनों पैर नहीं थे।फिर क्या हुआ यह तस्वीर थी मुंजिर अल नजील और उनके बेटे मुस्तफा की। तस्वीर को कैमरे में कैद किया तुर्की के फोटोग्राफर मेहमत असलन ने। इस फोटोग्राफ को सिएना इंटरनेशनल अवॉर्ड्स में बेस्ट फोटो चुना गया। बात यहीं नहीं थमी। फिर कहानी फोटो से निकलकर सच्ची दुनिया की तरफ फर्राटे भरती है। सिएना के ऑर्गनाइजर्स ने मेहमत के जरिए मुंजिर से संपर्क किया। उन्हें सिविल वॉर झेल रहे सीरिया से इटली आने का न्योता दिया ताकि उनका और मुस्तफा का इलाज हो सके, उन्हें बेहतर मुस्तकबिल यानी भविष्य मिल सके। शनिवार को मुंजिर फैमिली के साथ इटली पहुंचे तो लोगों ने उनका जबरदस्त इस्तकबाल किया, मुंजिर की आंखें इस आवभगत के बाद मनमानी पर उतर आईं।अब मुस्कराया मुस्तफा मुस्तफा 6 साल का है। इटली की जुबान इटैलियन तो नहीं समझ पाया, लेकिन चमकती आंखें बता रही थीं कि बमों से पैदा होती कानफोड़ू धमाकों की आवाज और मांस के जलने की बदबू से दूर वो किसी महफूज ठिकाने पर आ चुका है। मुंजिर के साथ बेटे मुस्तफा के अलावा पत्नी और दो बेटियां तुर्की के रास्ते इटली पहुंचे। मुंजिर ने रोम पहुंचकर कहा- आय लव यू इटली।दर्द की इंतेहां…मुंजिर का पैर एक बम ब्लास्ट की वजह से काटना पड़ा। डॉक्टर्स ने यह फैसला उनकी जिंदगी बचाने के लिए किया था। मुस्तफा की कहानी तो और भी दर्दनाक है। जब वो मां की कोख में था तब उसकी मां सिविल वॉर के चलते जहरीली गैस के संपर्क में आईं। नतीजा- जब मुस्तफा पैदा हुआ तो उसके दोनों हाथ और दोनों पैर नहीं थे।सिएना अवॉर्ड्स के ऑर्गनाइजर्स ने ठान लिया कि मुंजिर-मुस्तफा और परिवार के बाकी लोगों को इटली लाया जाएगा। इसके लिए पिछले साल से ही डिप्लोमैट्स और एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा था। जी हां, मुंजिर और मुस्तफा के साथ ही दुनिया को भी यही यकीन है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाप और बेटे दोनों को प्रोस्थेटिक ट्रीटमेंट (कृत्रिम हाथ-पैर लगाना) दिया जाएगा और इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इटली सरकार ने इस परिवार के लिए ‘वीजा ऑन ह्यूमेनेटेरियन ग्राउंड्स’ यानी मानवता के आधार पर देश आने की मंजूरी दी थी। इसके लिए क्राउड फंडिंग की मदद भी ली गई है। इस महीने की शुरुआत में जब मुंजिर को यह खबर दी गई कि वे परिवार समेत इटली जा रहे हैं तो एकबारगी उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। मुंजिर को बहुत जल्द प्रोस्थेटिक लैग यानी कृत्रिम पैर लग जाएगा। हां, मुस्तफा के इलाज में वक्त लगेगा। लेकिन, हर किसी को यकीन है कि वो मुस्कराएगा और दुनिया इस मुस्कराहट पर निसार हो जाएगी।

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