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दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 क्या है दिव्यांगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना हुआ आसान।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : रांची झारखंड की राजधानी रांची में पूर्वी भारत का पहला दिव्यांग यूनिवर्सिटी खुलने वाला है. …

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परिवार पेंशन का नया नियम क्या है दिव्यांगों को भी करना होगा इसका पालन।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  पारिवारिक पेंशन में दिव्यांग आशिक दाताओं को यह करना होगा अनिवार्य कर्मचारी द्वारा आवेदन पत्र के …

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दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2024

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 के लिए ‘ऑनलाइन’ माध्यम से …

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दिव्यांगता का अर्थ क्या है एवं कारण एवं रोकथाम।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :एम्स पटना के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने पटना चैप्टर पेरिनेटोलॉजी एंड रीप्रोडक्टिव बायोलाजी (पीएआरबी) …

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दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2024

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दिव्यांगता का अर्थ क्या है एवं कारण एवं रोकथाम।

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दिव्यांगों के लिए सुनहरा अवसर।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार कल महाराष्ट्र के पुणे में 20 वें दिव्य कला मेले का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम 28 सितंबर से 6अक्टूबर 2024 तक पीडब्ल्यूडी ग्राउंड, न्यू सांगवी, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे में आयोजित किया जाएगा। इस मेले का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा डीईपीडब्ल्यूडी के तहत एक शीर्ष निगम राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनडीएफडीसी) के माध्यम से किया जा रहा है।दिव्य कला मेला पूरे भारत के दिव्यांग कारीगरों, कलाकारों और उद्यमियों की शिल्पकला, रचनात्मकता और उद्यमशीलता की भावना का एक अनूठा उत्सव है। 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 100 दिव्यांग प्रतिभागी घर की सजावट, कपड़े, पर्यावरण के अनुकूल स्टेशनरी, खिलौने और व्यक्तिगत सामान सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करेंगे। आगंतुकों को जैविक पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, हथकरघा और उत्तम कढ़ाई के काम की एक श्रृंखला को देखने का भी मौका मिलेगा।सरकार के “स्थानीय के लिए मुखर होने” के दृष्टिकोण के अनुरूप, इस मेले का उद्देश्य दिव्यांग कारीगरों को उनके उत्पादों का विपणन और प्रचार करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करना है, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण हो सके। यह कार्यक्रम आगंतुकों को इन कुशल कारीगरों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिन्होंने प्रेरक दृढ़ संकल्प और रचनात्मकता के साथ शारीरिक चुनौतियों को पार किया है। देश भर के विभिन्न शहरों में पहले के सफल आयोजनों के बाद, पुणे विविधता, रचनात्मकता और समावेश के एक और भव्य समारोह की मेजबानी करने के लिए तैयार है।प्रतिदिन सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक चलने वाले इस मेले में दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों द्वारा प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी। 6 अक्टूबर को होने वाले भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम दिव्य कला शक्ति में देश भर के प्रतिभाशाली दिव्यांग कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।

 

 

दिव्यांग स्कूटी कब मिलेगी 2024 में?

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : राजस्थान सरकार के बजट वर्ष 2024-25 के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से 2 हजार दिव्यांगों को स्कूटी दिए जाने की घोषणा की थी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग झालावाड़ के उप निदेशक रामनिवास यादव ने बताया कि विभाग की ओर से चलने फिरने में असमर्थ ऐसे विशेष योग्यजन जो गवर्नमेंट और मान्यता प्राप्त कॉलेज में नियमित अध्ययनरत हैं और रोजगार करने वाले युवा हैं। उनको प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निशुल्क स्कूटी उपलब्ध करवाए जाने के लिए योजना शुरू की है। इसके लिए इच्छुक आवेदकों को 30 नवम्बर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

दिव्यांग पेंशन 2024 को पाने के हकदार है यह मानव भी कोर्ट का आदेश।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमर : सेना में सेवा करते समय अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर स्टेज वन का शिकार हो जाता है तो उसे विकलांगता पेंशन का हकदार माना जाएगा सेना में रहते हुए बीपी के शिकार, अब मिलेंगी पेंशन हाईकोर्ट ने दिया फैसला, केंद्र सरकार की अपील खारिज, 2019 में दी रिटायरमेंट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) के फैसले के खिलाफ भारत सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।

कितने मानव अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सकता है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने नियमों में संशोधन के बाद पहली बार हाथ प्रत्यारोपण को राष्ट्रीय रजिस्ट्री में शामिल किया है।बदलाव फेफड़े, दिल और किडनी की तरह अब हाथ भी कर सकेंगे दान, नोटो ने नियमों में किया संशोधन फेफड़े, दिल और किडनी की तरह अब हाथ भी दान किए जा सकते हैं।

भारतीय सांसद की कार्य का सच्चाई।

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : भारतीय संसद में तीन साल में मंत्रियों ने दिए 913 आश्वासन इनमें 583 लागू सरकार ने 330 लंबित रहने की भी वजह बताई बदलाव और संशोधन की आवश्यकता के कारण कुछ आश्वासनों को लागू नहीं किया जा सका है। उन्होंने आगे बताया कि इन आश्वासनों को आश्वासन की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाना जरूरी है। हालांकि, कुछ आश्वासनों को समय पर लागू नहीं किया जा सका और आश्वासन समिति से समय-सीमा बढ़ाए जाने की मांग की गई है।बजट 2024 इस साल भी जनगणना की संभावना नहीं, मंत्रियों के वेतन, राजकीय मेहमानों के मनोरंजन के लिए 1248.91 करोड़ खर्च करेगी केंद्रर सरकार।

दिव्यांगों के लिए बजट में क्या है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :भजनलाल सरकार का विशेष योग्यजन सरकारी कर्मियों को तोहफा विशेष योग्यजन सरकारी कर्मी को मिलेगा 1200 रु. प्रति माह कनवेंस अलाउंस, अंधता, सेरेब्रल पाल्सी, कुष्ठ, एसिड अटैक पीड़िता, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, स्पाइनल डिफॉर्मिटी, बहरा और गूंगापन, क्रॉनिक सिकल सेल    न्यूरोलॉजिकल कंडीशन, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, बीमारी जैसी खून की बीमारियां, इन बीमारियों से ग्रसित सरकारी कर्मी को मिलेगा 1200 रु. प्रतिमाह भत्ता, केजुअल लीव के अलावा अन्य लीव, ज्वॉइनिंग, निलंबन में नहीं मिलेगा भत्ता, ट्रेनिंग की अवधि ड्यूटी में नहीं गिनी जाएगी, बजट घोषणा के बाद वित्त सचिव बजट ने जारी किया आदेश, 1 अप्रैल 2024 से आदेश किया लागू

दिव्यांगों के लिए कौन कौन सी योजना है कौन-कौन सी गायब हो गई।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभकुमार : स्मार्ट सिटी पटना की ओर से गांधी मैदान स्थित संत जेवियर स्कूल के पास शहर का पहला स्वचालित सीदियों वाला फुटओवर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. जल्द स्वचालित सीढ़ी शुरू हो जाएगी. इसके शुरू होने के बाद दिव्यांग, उम्रदराज व बीमार लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा. साथ ही डीएम आवास के पास लगने वाले जाम के झाम से भी वाहन चालकों को निजात मिलेगी।

दिव्यांग अधिकार अधिनियम क्या है पूजा खेडकर, आईएएस कौन है।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : महाराष्ट्र की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, प्रोबेशन पर चल रहीं आईएएस पूजा खेडकर इन दिनों अपनी कथित मांग को लेकर काफी चर्चा में हैं. इस बीच यह भी पता चला है कि ओबीसी आरक्षण के जरिए 2022 बैच में आईएएस अधिकारी के पद पर उनका चयन हुआ था वह पूरी तरह फर्जी है. पुणे में तैनात खेडकर को मंगलवार को महाराष्ट्र के वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया था. आईएस पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में शामिल होने से पहले वीआईपी मांगें कीं जिसमें एक अलग कार्यालय, कार, आधिकारिक निवास और कर्मचारी शामिल हैं रिपोर्ट के मुताबिक उनकी और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति की जांच में पता चला है कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति है. रिपोर्ट के अनुसार, उनके परिवार की संपत्ति करीब 60 करोड़ रुपये है, जिसमें उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपये और उनके पास 17 करोड़ रुपये हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, खेडकर ने जिस ओबीसी और विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाई थी, वह फर्जी पाया गया है. इसके लिए अप्रैल 2022 में विकलांगता प्रमाण पत्र को प्रमाणित करने के लिए उन्हें एम्स में अनिवार्य जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे दरकिनार कर दिया गया पूजा खेडकर ने साल 2019 में जनरल कैटेगरी के तहत यूपीएससी सिविल सेवा एग्जाम दिया था, जिसमें कम मार्क्स आने पर उनका चयन आईएएस पद के लिए नहीं हो पाया था. उन्होंने दोबारा दिव्यांग कैटेगरी के तहत यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उन्हें कामयाबी मिल गई, लेकिन उन्हें फरवरी 2022 को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी गई थी. इस रोक के बाद उन्होंने कोर्ट में मामला दर्ज करते हुए खुदको दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा पेश किया था. इसके बाद कोर्ट ने सितंबर 2022 के बीच उन्हें मेडिकल जांच के लिए चार मरतबा आदेश दिया था. साल 2023 में आखिरकार कोर्ट में विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत, अपनी विकलांगता साबित कर नियुक्ति पत्र पाने में वह सफल रहीं. पूजा ने यूपीएससी एग्जाम ऑल इंडिया रैंक में 841वां स्थान प्राप्त किया था.

दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 क्या है दिव्यांगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना हुआ आसान।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : रांची झारखंड की राजधानी रांची में पूर्वी भारत का पहला दिव्यांग यूनिवर्सिटी खुलने वाला है. जिसे लेकर शिक्षा मंत्री चंपाई सोरेन ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की. गुरुवार 11 जुलाई 2024 को बैठक में शिक्षा मंत्री ने यूनिवर्सिटी को लेकर अहम दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए और इस पर जल्द से जल्द काम करने को कहा. मिली जानकारी के अनुसार यह यूनिवर्सिटी खासकर अनाथ व दिव्यांग बच्चों के लिए होगी. जिसमें उनके लिए विशेष सुविधा मुहैया कराई जाएगी. यहां विशेष कोर्स और शैक्षिक उपकरणों का इंतजाम रहेगा. दिव्यांग विद्यार्थियों की जरूरत के हिसाब से बिल्डिंग को रिनोवेट किया जायेगा. यहां उनके रहने खाने हर चीज की व्यवस्था की जाएगी.इसके अलावा यूनिवर्सिटी में नवोतथान छात्रवृत्ति योजना का भी प्रस्ताव रखा गया है. जिसके तहत राज्य के मेधावी, अनाथ और दिव्यांग विद्यार्थियों की फीस अधिकतम 10 लाख रुपए तक प्रति वर्ष सरकार देगी. रहने व भोजन की व्यवस्था के लिए प्रति वर्ष 48,000 रुपए दी जाएगी. यानी कि अब दिव्यांग बच्चों को अच्छी और गुणवत्ता शिक्षा बहुत जल्द मिलने वाली है.साथ ही, बैठक में पीएचडी छात्रों को हर महीने 25,000 रुपए फैलोशिप देने पर भी विचार विमर्श किया गया. मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत पीएचडी छात्रों को प्रतिमाह ₹25000 तक फैलोशिप दी जाएगी व इस योजना के तहत विदेश में पढ़ने वाले राज्य के छात्रों की फीस और खर्चों का भी पूरा भुगतान करने का प्रावधान है. बहुत जल्द ऑनलाइन पोर्टल बनने के बाद आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरू होगी।

परिवार पेंशन का नया नियम क्या है दिव्यांगों को भी करना होगा इसका पालन।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  पारिवारिक पेंशन में दिव्यांग आशिक दाताओं को यह करना होगा अनिवार्य कर्मचारी द्वारा आवेदन पत्र के साथ लगाए गए दस्तावेजों की जांच होगी। इनमें कर्मचारी की सेलरी स्लिप, सीजीएचएस कटौती वाले कागजात, आधार कार्ड व पैन कार्ड सहित दूसरे दस्तावेज शामिल हैं। इसी तरह से आवेदक के परिवार के सदस्य, जो उस पर आश्रित हैं, उनके दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जाएगी। आवेदन पत्र पर यदि सभी आवेदकों के फोटो नहीं लगे हैं तो कार्ड की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। केंद्र सरकार के पेंशनभोगी भी सीजीएचएस कार्ड बनवा सकते हैं। उनके आश्रित पारिवारिक सदस्यों को भी सीजीएचएस कार्ड जारी होंगे। यहां पर शर्त ये रहेगी कि संबंधित पेंशनभोगी, निश्चित चिकित्सा भत्ता (एफएमए) का लाभार्थी नहीं होना चाहिए। पेंशनभोगियों को इस कार्ड के लिए पूर्ण सदस्यता शुल्क जमा कराना होगा। उनके लिए सीजीएचएस कार्ड (आईपीडी कार्ड) के साथ निश्चित चिकित्सा भत्ता प्राप्त करने का विकल्प भी है। इसके लिए नियम तय किए गए हैं। पेंशनभोगी, अपने सीजीएचएस कार्ड के लिए आवेदन पत्र, सीजीएचएस के अतिरिक्त निदेशक के पास जमा करा सकते हैं। केंद्र सरकार में सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सीजीएचएस कार्ड बनवाना होगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना है। पेंशनभोगियों और उनके आश्रित पारिवारिक सदस्यों को भी सीजीएचएस कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए कुछ शर्तें भी रहेंगी। जैसे, पेंशनभोगी निश्चित चिकित्सा भत्ता (एफएमए) का लाभ नहीं उठा रहा हो। रिटायर्ड कर्मचारियों को विभिन्न वेतनमानों के तहत सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए फीस जमा करानी पड़ेगी। यह फीस तीस हजार रुपये से लेकर एक लाख बीस हजार रुपये तक रहेगी। मौजूदा समय में विभिन्न राज्यों के 80 शहरों में सीजीएचएस सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लगभग 42 लाख लाभार्थी उठा रहे हैं।

 

हॉस्पिटल का परिभाषा है भ्रष्टाचार।

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : स्वास्थ्य विभाग के मिशन 60 और मिशन परिवर्तन के तहत श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल की चिकित्सा सेवा एवं व्यवस्था में हुए सुधार पर एक बार बुरा असर पड़ने लगा है. अस्पताल में पिछले तीन महीनों से अधीक्षक नहीं होने के कारण कार्यालय तथा मरीज हित के कई रुके हैं. लेंस की खरीद नहीं होने से आंखों का आपरेशन प्रभावित हो गया है प्रतिदिन 20 से 25 मरीजों का होने वाला आपरेशन घट कर दो-तीन पर पहुंच गया है. अधिकांश मरीजों को अस्पताल से लौटना पड़ रहा है. इस कमी का लाभ अस्पताल में सक्रिय दलाल उठा रहे हैं तीन डॉक्टर हैं कार्यरत अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार नेत्र रोग विभाग में तीन डाक्टर कार्यरत हैं. फेको और सामान्य दोनों विधि से आपरेशन करने की सुविधा है. लंबे समय से 20 और 24 नंबर का लेंस ही अस्पताल में बचा है. जिन मरीजों से इस लेंस का मिलान हो पा रहा है केवल उन्हीं की आंखों का आपरेशन किया जा रहा है. शेष गरीब मरीजों को लौटाया जा रहा है डाक्टरों ने बताया कि एक दिन में 25 से अधिक मरीजों का आपरेशन किया जाता था अब यह संख्या घट कर दो-तीन रह गई है. कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व अधीक्षक डा. आर आर चौधरी के 31 मार्च को सेवानिवृत होने के बाद डा. आरिफ अब्दुल्लाह को कार्यकारी अधीक्षक बनाया गया लेकिन इन्हें वित्तीय अधिकारी नहीं दिए जाने के कारण कई तरह के काम रुके हैं. अस्पताल अधीक्षक का दायित्व पटना के सिविल सर्जन निभा रहे हैं लेंस की कमी हो गई है इसकी खरीद के लिए रोगी कल्याण समिति की बैठक होगी. उसी में अनुमोदन होगा. इस बारे में जिलाधिकारी से बातचीत की गई है. जो लेंस है उससे आपरेशन हो रहा है डा. मिथिलेश प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन सह अचीक्षक, सदर अस्पतााल।

अस्पताल के नाम पर घोटाला का अर्थ क्या है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत इमरजेंसी कोविड रेस्पांस पैकेज के तहत एक सौ बेड का फील्ड अस्पताल बनाने के लिए नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल को वर्ष 2022 में 7.5 करोड़ रुपए मिले थे. तीन माह में यह अस्पताल तैयार होना था. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी औषधि विभाग में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. बेड की कमी हो रही है. एक सौ बेड का सुविधायुक्त प्री फेब्रिकेटेड अस्पताल जल्द बनना बेहद आवश्यक है प्रो. डा.अजय कुमार सिन्हा, विभागाध्यक्ष, औषधि विभाग गई इस राशि से अब तक अस्पताल निर्माण में एक ईंट नहीं लग सकी है. सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थित सेंट्रल लाउंड्री के प्रथम तल को अस्पताल निर्माण के लिए चिह्नित किया गया है.एक सौ बेड का अस्पताल निर्माण जल्द किए जाने को लेकर बीएमएसआइसीएल के अफसर से बातचीत की जा रही है. अनुमोदन हो गया है निर्माण शीघ्र आरंभ होगा.प्रो. डा. अलका सिंह, अधीक्षक, एनएमसीएच बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना विकास निगम द्वारा डेढ़ साल बाद भी अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से औषधि विभाग में मरीज भर्ती कर इलाज में समस्या है.प्रक्रिया है जारी अधिकारीविभाग के संबंधित अधिकारी का कहना है कि प्रक्रिया जारी है. वहीं, एनएमसीएच स्थित औषधि विभाग के पुराने भवन के 60 बेड की क्षमता वाले एक हिस्से को पार्किंग निर्माण के लिए तोड़ दिया गया है. दूसरे हिस्से में उपलब्ध 60 बेड पर मरीज भर्ती किया जा रहा है. यहां आठ बेड की आइसीयू नाकाफी है. अस्पताल प्रशासन के अनुसार इमरजेंसी कोविड रेस्पांस पैकेज के तहत पटना एम्स को मिली राशि लेने से इनकार पर उसे एनएमसीएच में इसी फील्ड अस्पताल का निर्माण हुआ था.

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2024

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 के लिए ‘ऑनलाइन’ माध्यम से आवेदन आमंत्रित आवेदन / नामांकन केवल गृह मंत्रालय के केंद्रीकृत पर ऑनलाइन माध्यम से 15 जून से 31 जुलाई, 2024 तक भेजे जा सकते हैं www.awards.gov.in

दिव्यांगता का अर्थ क्या है एवं कारण एवं रोकथाम।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :एम्स पटना के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने पटना चैप्टर पेरिनेटोलॉजी एंड रीप्रोडक्टिव बायोलाजी (पीएआरबी) साइंटिफिक सोसाइटी के सहयोग से फेटोमीट-2024 का आयोजन किया. विभिन्न स्क्रीनिंग परीक्षणों व सोनोग्राफी से गर्भ में ही बच्चे में जन्मजात दोषों, चयापचय विकारों और गुणसूत्र विसंगतियों का निदान कर जन्मजात मानसिक शारीरिक दिव्यांगता रोकना प्राथमिक उद्देश्य था. मुख्य अतिथि एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ प्रो प्रसव पूर्व देखभाल की दी जानकारी डा.जीके पाल ने कहा कि एम्स पटना प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में सुरक्षित मातृत्व व स्वस्थ भ्रूण सुनिश्चित करने के साथ निसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति की खुशी दिलाने के लिए सभी महत्वपूर्ण जरूरतें पूरी करेगा. डा. एमिली भट्टाचार्य ने आनुवंशिक असामान्यताओं का पता लगाने में प्रसव पूर्व निदान के महत्व तो प्रोफेसर डा. दीपिका डेका ने अंतर्गर्भाशयी आधान में नवीनतम प्रगति पर प्रकाश डाला. कोलकाता की डा. देवास्मिता मंडल ने भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी व न्यूरोस्क्रीनिंग प्रोटोकाल एवं डा. पूजा ने प्रसव पूर्व देखभाल में पहली तिमाही की जांच व इसकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला. चंडीगढ़ की डा. साक्षी ने अल्ट्रासाउंड साफ्ट मार्कर वास्तव में साफ्ट है कि नहीं तो डा. प्रज्ञा मिश्रा ने विसंगति सोनोग्राफी के महत्व पर व्याख्यान दिया.डा. गोपाल कृष्ण पाल ने कार्यक्रम का इसका उद्घाटन किया मौके  डा.अनूपकुमार,आइएसओपीएबी की पूर्व अध्यक्ष डा. मंजू गीता मिश्रा, डा. उषा डिडवानिया, एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डा. हेमाली हेदी सिन्हा, पटना पीएआरबी की अध्यक्ष डा. मुक्ता अग्रवाल, डा. इंदिरा प्रसाद, डा. पूजा कुमारी, भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ डा. अनीता पासवान, डा. सुद्विता सिन्हा, डा. ज्योति कुमारी, डा. पूनम लाल समेत देश के उत्कृष्ट स्त्री रोग विशेषज्ञ व भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे।

शिक्षा से संबंधित शिकायत कैसे करें?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कमार : शिकायत दर्ज कराने के लिए शिक्षा विभाग ने जारी किए पांच वाट्सएप नंबर शिक्षा विभाग को अब कोई आम जन शिक्षा से जुड़ी समस्या की शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए शिक्षा विभाग ने पांच अलग-अलग वाट्सएप नंबर जारी किया है. इसके अलावा विभाग की ओर से नियंत्रण कक्ष का टोन फ्री नंबर -14417 और 18003454417 भी जारी किया गया है. टोल फ्री नंबर पर प्रधानाध्यापक व शिक्षक की उपस्थिति, विद्यालय का भवन, कमरों की स्थिति, मध्याह्न भोजन, खाद्य आपूर्ति, थाली की उपलब्धता, उपस्कर, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था, विद्युत कनेक्शन, आइसीटी लैब से संबंधित शिकायत कर सकते हैं.शिकायत के प्रकार और नंबर वाट्सएप नंबर 9229206201 पर विद्यालय के भवन की स्थिति, निर्माण कार्य की गुणवत्ता, बेंच-डेस्क की उपलब्धता, चारदीवारी, वाट्सएप नंबर 9229206202 पर विद्यालय के समय पर खुलना, प्रधानाध्यापक व शिक्षक की उपस्थिति, विद्यालय की समय-सारणी, वर्ग कक्ष का संचालन, कंप्यूटर लैब की उपलब्धता, पुस्तकालय की उपलब्धता, प्रयोगशाला, खेल सामग्री, वाट्सएप नंबर 9229206203 पर एमडीएम की आपूर्ति व गुणवत्ता, किचन शेड, गैस चूल्हा, थाली-ग्लास, प्रत्येक शुक्रवार को अंडा, मौसमी फल का वितरण और किचन की साफ-सफाई, वाट्सएप नंबर 9229206204 पर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय से संबंधित और वाट्सएप नंबर 9229206205 पर स्कूली बच्चों को मिलने वाली साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तक संबंधी शिकायत कर सकते हैं. इस नंबरों पर सुबह 9.30 से छह बजे तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिक्षा विभाग ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद अविलंब समस्या का समाधान किया जाएगा.

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सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार कल महाराष्ट्र के पुणे में 20 वें दिव्य कला मेले का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम 28 सितंबर से 6अक्टूबर 2024 तक पीडब्ल्यूडी ग्राउंड, न्यू सांगवी, पिंपरी-चिंचवाड़, पुणे में आयोजित किया जाएगा। इस मेले का आयोजन भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा डीईपीडब्ल्यूडी के तहत एक शीर्ष निगम राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनडीएफडीसी) के माध्यम से किया जा रहा है।दिव्य कला मेला पूरे भारत के दिव्यांग कारीगरों, कलाकारों और उद्यमियों की शिल्पकला, रचनात्मकता और उद्यमशीलता की भावना का एक अनूठा उत्सव है। 20 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 100 दिव्यांग प्रतिभागी घर की सजावट, कपड़े, पर्यावरण के अनुकूल स्टेशनरी, खिलौने और व्यक्तिगत सामान सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करेंगे। आगंतुकों को जैविक पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, हथकरघा और उत्तम कढ़ाई के काम की एक श्रृंखला को देखने का भी मौका मिलेगा।सरकार के “स्थानीय के लिए मुखर होने” के दृष्टिकोण के अनुरूप, इस मेले का उद्देश्य दिव्यांग कारीगरों को उनके उत्पादों का विपणन और प्रचार करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करना है, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण हो सके। यह कार्यक्रम आगंतुकों को इन कुशल कारीगरों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिन्होंने प्रेरक दृढ़ संकल्प और रचनात्मकता के साथ शारीरिक चुनौतियों को पार किया है। देश भर के विभिन्न शहरों में पहले के सफल आयोजनों के बाद, पुणे विविधता, रचनात्मकता और समावेश के एक और भव्य समारोह की मेजबानी करने के लिए तैयार है।प्रतिदिन सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक चलने वाले इस मेले में दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों द्वारा प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी। 6 अक्टूबर को होने वाले भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम दिव्य कला शक्ति में देश भर के प्रतिभाशाली दिव्यांग कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।

 

 

दिव्यांग स्कूटी कब मिलेगी 2024 में?

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : राजस्थान सरकार के बजट वर्ष 2024-25 के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से 2 हजार दिव्यांगों को स्कूटी दिए जाने की घोषणा की थी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग झालावाड़ के उप निदेशक रामनिवास यादव ने बताया कि विभाग की ओर से चलने फिरने में असमर्थ ऐसे विशेष योग्यजन जो गवर्नमेंट और मान्यता प्राप्त कॉलेज में नियमित अध्ययनरत हैं और रोजगार करने वाले युवा हैं। उनको प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निशुल्क स्कूटी उपलब्ध करवाए जाने के लिए योजना शुरू की है। इसके लिए इच्छुक आवेदकों को 30 नवम्बर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

दिव्यांग पेंशन 2024 को पाने के हकदार है यह मानव भी कोर्ट का आदेश।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमर : सेना में सेवा करते समय अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर स्टेज वन का शिकार हो जाता है तो उसे विकलांगता पेंशन का हकदार माना जाएगा सेना में रहते हुए बीपी के शिकार, अब मिलेंगी पेंशन हाईकोर्ट ने दिया फैसला, केंद्र सरकार की अपील खारिज, 2019 में दी रिटायरमेंट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) के फैसले के खिलाफ भारत सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।

कितने मानव अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सकता है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) ने नियमों में संशोधन के बाद पहली बार हाथ प्रत्यारोपण को राष्ट्रीय रजिस्ट्री में शामिल किया है।बदलाव फेफड़े, दिल और किडनी की तरह अब हाथ भी कर सकेंगे दान, नोटो ने नियमों में किया संशोधन फेफड़े, दिल और किडनी की तरह अब हाथ भी दान किए जा सकते हैं।

भारतीय सांसद की कार्य का सच्चाई।

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : भारतीय संसद में तीन साल में मंत्रियों ने दिए 913 आश्वासन इनमें 583 लागू सरकार ने 330 लंबित रहने की भी वजह बताई बदलाव और संशोधन की आवश्यकता के कारण कुछ आश्वासनों को लागू नहीं किया जा सका है। उन्होंने आगे बताया कि इन आश्वासनों को आश्वासन की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाना जरूरी है। हालांकि, कुछ आश्वासनों को समय पर लागू नहीं किया जा सका और आश्वासन समिति से समय-सीमा बढ़ाए जाने की मांग की गई है।बजट 2024 इस साल भी जनगणना की संभावना नहीं, मंत्रियों के वेतन, राजकीय मेहमानों के मनोरंजन के लिए 1248.91 करोड़ खर्च करेगी केंद्रर सरकार।

दिव्यांगों के लिए बजट में क्या है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :भजनलाल सरकार का विशेष योग्यजन सरकारी कर्मियों को तोहफा विशेष योग्यजन सरकारी कर्मी को मिलेगा 1200 रु. प्रति माह कनवेंस अलाउंस, अंधता, सेरेब्रल पाल्सी, कुष्ठ, एसिड अटैक पीड़िता, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, स्पाइनल डिफॉर्मिटी, बहरा और गूंगापन, क्रॉनिक सिकल सेल    न्यूरोलॉजिकल कंडीशन, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, बीमारी जैसी खून की बीमारियां, इन बीमारियों से ग्रसित सरकारी कर्मी को मिलेगा 1200 रु. प्रतिमाह भत्ता, केजुअल लीव के अलावा अन्य लीव, ज्वॉइनिंग, निलंबन में नहीं मिलेगा भत्ता, ट्रेनिंग की अवधि ड्यूटी में नहीं गिनी जाएगी, बजट घोषणा के बाद वित्त सचिव बजट ने जारी किया आदेश, 1 अप्रैल 2024 से आदेश किया लागू

दिव्यांगों के लिए कौन कौन सी योजना है कौन-कौन सी गायब हो गई।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभकुमार : स्मार्ट सिटी पटना की ओर से गांधी मैदान स्थित संत जेवियर स्कूल के पास शहर का पहला स्वचालित सीदियों वाला फुटओवर ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. जल्द स्वचालित सीढ़ी शुरू हो जाएगी. इसके शुरू होने के बाद दिव्यांग, उम्रदराज व बीमार लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा. साथ ही डीएम आवास के पास लगने वाले जाम के झाम से भी वाहन चालकों को निजात मिलेगी।

दिव्यांग अधिकार अधिनियम क्या है पूजा खेडकर, आईएएस कौन है।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : महाराष्ट्र की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, प्रोबेशन पर चल रहीं आईएएस पूजा खेडकर इन दिनों अपनी कथित मांग को लेकर काफी चर्चा में हैं. इस बीच यह भी पता चला है कि ओबीसी आरक्षण के जरिए 2022 बैच में आईएएस अधिकारी के पद पर उनका चयन हुआ था वह पूरी तरह फर्जी है. पुणे में तैनात खेडकर को मंगलवार को महाराष्ट्र के वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया था. आईएस पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में शामिल होने से पहले वीआईपी मांगें कीं जिसमें एक अलग कार्यालय, कार, आधिकारिक निवास और कर्मचारी शामिल हैं रिपोर्ट के मुताबिक उनकी और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति की जांच में पता चला है कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति है. रिपोर्ट के अनुसार, उनके परिवार की संपत्ति करीब 60 करोड़ रुपये है, जिसमें उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपये और उनके पास 17 करोड़ रुपये हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, खेडकर ने जिस ओबीसी और विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाई थी, वह फर्जी पाया गया है. इसके लिए अप्रैल 2022 में विकलांगता प्रमाण पत्र को प्रमाणित करने के लिए उन्हें एम्स में अनिवार्य जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे दरकिनार कर दिया गया पूजा खेडकर ने साल 2019 में जनरल कैटेगरी के तहत यूपीएससी सिविल सेवा एग्जाम दिया था, जिसमें कम मार्क्स आने पर उनका चयन आईएएस पद के लिए नहीं हो पाया था. उन्होंने दोबारा दिव्यांग कैटेगरी के तहत यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उन्हें कामयाबी मिल गई, लेकिन उन्हें फरवरी 2022 को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी गई थी. इस रोक के बाद उन्होंने कोर्ट में मामला दर्ज करते हुए खुदको दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा पेश किया था. इसके बाद कोर्ट ने सितंबर 2022 के बीच उन्हें मेडिकल जांच के लिए चार मरतबा आदेश दिया था. साल 2023 में आखिरकार कोर्ट में विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत, अपनी विकलांगता साबित कर नियुक्ति पत्र पाने में वह सफल रहीं. पूजा ने यूपीएससी एग्जाम ऑल इंडिया रैंक में 841वां स्थान प्राप्त किया था.

दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 क्या है दिव्यांगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना हुआ आसान।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : रांची झारखंड की राजधानी रांची में पूर्वी भारत का पहला दिव्यांग यूनिवर्सिटी खुलने वाला है. जिसे लेकर शिक्षा मंत्री चंपाई सोरेन ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की. गुरुवार 11 जुलाई 2024 को बैठक में शिक्षा मंत्री ने यूनिवर्सिटी को लेकर अहम दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए और इस पर जल्द से जल्द काम करने को कहा. मिली जानकारी के अनुसार यह यूनिवर्सिटी खासकर अनाथ व दिव्यांग बच्चों के लिए होगी. जिसमें उनके लिए विशेष सुविधा मुहैया कराई जाएगी. यहां विशेष कोर्स और शैक्षिक उपकरणों का इंतजाम रहेगा. दिव्यांग विद्यार्थियों की जरूरत के हिसाब से बिल्डिंग को रिनोवेट किया जायेगा. यहां उनके रहने खाने हर चीज की व्यवस्था की जाएगी.इसके अलावा यूनिवर्सिटी में नवोतथान छात्रवृत्ति योजना का भी प्रस्ताव रखा गया है. जिसके तहत राज्य के मेधावी, अनाथ और दिव्यांग विद्यार्थियों की फीस अधिकतम 10 लाख रुपए तक प्रति वर्ष सरकार देगी. रहने व भोजन की व्यवस्था के लिए प्रति वर्ष 48,000 रुपए दी जाएगी. यानी कि अब दिव्यांग बच्चों को अच्छी और गुणवत्ता शिक्षा बहुत जल्द मिलने वाली है.साथ ही, बैठक में पीएचडी छात्रों को हर महीने 25,000 रुपए फैलोशिप देने पर भी विचार विमर्श किया गया. मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत पीएचडी छात्रों को प्रतिमाह ₹25000 तक फैलोशिप दी जाएगी व इस योजना के तहत विदेश में पढ़ने वाले राज्य के छात्रों की फीस और खर्चों का भी पूरा भुगतान करने का प्रावधान है. बहुत जल्द ऑनलाइन पोर्टल बनने के बाद आवेदन लेने की प्रक्रिया भी शुरू होगी।

परिवार पेंशन का नया नियम क्या है दिव्यांगों को भी करना होगा इसका पालन।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  पारिवारिक पेंशन में दिव्यांग आशिक दाताओं को यह करना होगा अनिवार्य कर्मचारी द्वारा आवेदन पत्र के साथ लगाए गए दस्तावेजों की जांच होगी। इनमें कर्मचारी की सेलरी स्लिप, सीजीएचएस कटौती वाले कागजात, आधार कार्ड व पैन कार्ड सहित दूसरे दस्तावेज शामिल हैं। इसी तरह से आवेदक के परिवार के सदस्य, जो उस पर आश्रित हैं, उनके दस्तावेजों की जांच पड़ताल की जाएगी। आवेदन पत्र पर यदि सभी आवेदकों के फोटो नहीं लगे हैं तो कार्ड की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। केंद्र सरकार के पेंशनभोगी भी सीजीएचएस कार्ड बनवा सकते हैं। उनके आश्रित पारिवारिक सदस्यों को भी सीजीएचएस कार्ड जारी होंगे। यहां पर शर्त ये रहेगी कि संबंधित पेंशनभोगी, निश्चित चिकित्सा भत्ता (एफएमए) का लाभार्थी नहीं होना चाहिए। पेंशनभोगियों को इस कार्ड के लिए पूर्ण सदस्यता शुल्क जमा कराना होगा। उनके लिए सीजीएचएस कार्ड (आईपीडी कार्ड) के साथ निश्चित चिकित्सा भत्ता प्राप्त करने का विकल्प भी है। इसके लिए नियम तय किए गए हैं। पेंशनभोगी, अपने सीजीएचएस कार्ड के लिए आवेदन पत्र, सीजीएचएस के अतिरिक्त निदेशक के पास जमा करा सकते हैं। केंद्र सरकार में सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सीजीएचएस कार्ड बनवाना होगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना है। पेंशनभोगियों और उनके आश्रित पारिवारिक सदस्यों को भी सीजीएचएस कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए कुछ शर्तें भी रहेंगी। जैसे, पेंशनभोगी निश्चित चिकित्सा भत्ता (एफएमए) का लाभ नहीं उठा रहा हो। रिटायर्ड कर्मचारियों को विभिन्न वेतनमानों के तहत सीजीएचएस कार्ड बनवाने के लिए फीस जमा करानी पड़ेगी। यह फीस तीस हजार रुपये से लेकर एक लाख बीस हजार रुपये तक रहेगी। मौजूदा समय में विभिन्न राज्यों के 80 शहरों में सीजीएचएस सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लगभग 42 लाख लाभार्थी उठा रहे हैं।

 

हॉस्पिटल का परिभाषा है भ्रष्टाचार।

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : स्वास्थ्य विभाग के मिशन 60 और मिशन परिवर्तन के तहत श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल की चिकित्सा सेवा एवं व्यवस्था में हुए सुधार पर एक बार बुरा असर पड़ने लगा है. अस्पताल में पिछले तीन महीनों से अधीक्षक नहीं होने के कारण कार्यालय तथा मरीज हित के कई रुके हैं. लेंस की खरीद नहीं होने से आंखों का आपरेशन प्रभावित हो गया है प्रतिदिन 20 से 25 मरीजों का होने वाला आपरेशन घट कर दो-तीन पर पहुंच गया है. अधिकांश मरीजों को अस्पताल से लौटना पड़ रहा है. इस कमी का लाभ अस्पताल में सक्रिय दलाल उठा रहे हैं तीन डॉक्टर हैं कार्यरत अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार नेत्र रोग विभाग में तीन डाक्टर कार्यरत हैं. फेको और सामान्य दोनों विधि से आपरेशन करने की सुविधा है. लंबे समय से 20 और 24 नंबर का लेंस ही अस्पताल में बचा है. जिन मरीजों से इस लेंस का मिलान हो पा रहा है केवल उन्हीं की आंखों का आपरेशन किया जा रहा है. शेष गरीब मरीजों को लौटाया जा रहा है डाक्टरों ने बताया कि एक दिन में 25 से अधिक मरीजों का आपरेशन किया जाता था अब यह संख्या घट कर दो-तीन रह गई है. कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व अधीक्षक डा. आर आर चौधरी के 31 मार्च को सेवानिवृत होने के बाद डा. आरिफ अब्दुल्लाह को कार्यकारी अधीक्षक बनाया गया लेकिन इन्हें वित्तीय अधिकारी नहीं दिए जाने के कारण कई तरह के काम रुके हैं. अस्पताल अधीक्षक का दायित्व पटना के सिविल सर्जन निभा रहे हैं लेंस की कमी हो गई है इसकी खरीद के लिए रोगी कल्याण समिति की बैठक होगी. उसी में अनुमोदन होगा. इस बारे में जिलाधिकारी से बातचीत की गई है. जो लेंस है उससे आपरेशन हो रहा है डा. मिथिलेश प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन सह अचीक्षक, सदर अस्पतााल।

अस्पताल के नाम पर घोटाला का अर्थ क्या है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत इमरजेंसी कोविड रेस्पांस पैकेज के तहत एक सौ बेड का फील्ड अस्पताल बनाने के लिए नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल को वर्ष 2022 में 7.5 करोड़ रुपए मिले थे. तीन माह में यह अस्पताल तैयार होना था. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी औषधि विभाग में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. बेड की कमी हो रही है. एक सौ बेड का सुविधायुक्त प्री फेब्रिकेटेड अस्पताल जल्द बनना बेहद आवश्यक है प्रो. डा.अजय कुमार सिन्हा, विभागाध्यक्ष, औषधि विभाग गई इस राशि से अब तक अस्पताल निर्माण में एक ईंट नहीं लग सकी है. सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थित सेंट्रल लाउंड्री के प्रथम तल को अस्पताल निर्माण के लिए चिह्नित किया गया है.एक सौ बेड का अस्पताल निर्माण जल्द किए जाने को लेकर बीएमएसआइसीएल के अफसर से बातचीत की जा रही है. अनुमोदन हो गया है निर्माण शीघ्र आरंभ होगा.प्रो. डा. अलका सिंह, अधीक्षक, एनएमसीएच बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना विकास निगम द्वारा डेढ़ साल बाद भी अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से औषधि विभाग में मरीज भर्ती कर इलाज में समस्या है.प्रक्रिया है जारी अधिकारीविभाग के संबंधित अधिकारी का कहना है कि प्रक्रिया जारी है. वहीं, एनएमसीएच स्थित औषधि विभाग के पुराने भवन के 60 बेड की क्षमता वाले एक हिस्से को पार्किंग निर्माण के लिए तोड़ दिया गया है. दूसरे हिस्से में उपलब्ध 60 बेड पर मरीज भर्ती किया जा रहा है. यहां आठ बेड की आइसीयू नाकाफी है. अस्पताल प्रशासन के अनुसार इमरजेंसी कोविड रेस्पांस पैकेज के तहत पटना एम्स को मिली राशि लेने से इनकार पर उसे एनएमसीएच में इसी फील्ड अस्पताल का निर्माण हुआ था.

दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2024

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 के लिए ‘ऑनलाइन’ माध्यम से आवेदन आमंत्रित आवेदन / नामांकन केवल गृह मंत्रालय के केंद्रीकृत पर ऑनलाइन माध्यम से 15 जून से 31 जुलाई, 2024 तक भेजे जा सकते हैं www.awards.gov.in

दिव्यांगता का अर्थ क्या है एवं कारण एवं रोकथाम।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :एम्स पटना के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने पटना चैप्टर पेरिनेटोलॉजी एंड रीप्रोडक्टिव बायोलाजी (पीएआरबी) साइंटिफिक सोसाइटी के सहयोग से फेटोमीट-2024 का आयोजन किया. विभिन्न स्क्रीनिंग परीक्षणों व सोनोग्राफी से गर्भ में ही बच्चे में जन्मजात दोषों, चयापचय विकारों और गुणसूत्र विसंगतियों का निदान कर जन्मजात मानसिक शारीरिक दिव्यांगता रोकना प्राथमिक उद्देश्य था. मुख्य अतिथि एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ प्रो प्रसव पूर्व देखभाल की दी जानकारी डा.जीके पाल ने कहा कि एम्स पटना प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में सुरक्षित मातृत्व व स्वस्थ भ्रूण सुनिश्चित करने के साथ निसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति की खुशी दिलाने के लिए सभी महत्वपूर्ण जरूरतें पूरी करेगा. डा. एमिली भट्टाचार्य ने आनुवंशिक असामान्यताओं का पता लगाने में प्रसव पूर्व निदान के महत्व तो प्रोफेसर डा. दीपिका डेका ने अंतर्गर्भाशयी आधान में नवीनतम प्रगति पर प्रकाश डाला. कोलकाता की डा. देवास्मिता मंडल ने भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी व न्यूरोस्क्रीनिंग प्रोटोकाल एवं डा. पूजा ने प्रसव पूर्व देखभाल में पहली तिमाही की जांच व इसकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला. चंडीगढ़ की डा. साक्षी ने अल्ट्रासाउंड साफ्ट मार्कर वास्तव में साफ्ट है कि नहीं तो डा. प्रज्ञा मिश्रा ने विसंगति सोनोग्राफी के महत्व पर व्याख्यान दिया.डा. गोपाल कृष्ण पाल ने कार्यक्रम का इसका उद्घाटन किया मौके  डा.अनूपकुमार,आइएसओपीएबी की पूर्व अध्यक्ष डा. मंजू गीता मिश्रा, डा. उषा डिडवानिया, एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डा. हेमाली हेदी सिन्हा, पटना पीएआरबी की अध्यक्ष डा. मुक्ता अग्रवाल, डा. इंदिरा प्रसाद, डा. पूजा कुमारी, भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ डा. अनीता पासवान, डा. सुद्विता सिन्हा, डा. ज्योति कुमारी, डा. पूनम लाल समेत देश के उत्कृष्ट स्त्री रोग विशेषज्ञ व भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे।

शिक्षा से संबंधित शिकायत कैसे करें?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कमार : शिकायत दर्ज कराने के लिए शिक्षा विभाग ने जारी किए पांच वाट्सएप नंबर शिक्षा विभाग को अब कोई आम जन शिक्षा से जुड़ी समस्या की शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए शिक्षा विभाग ने पांच अलग-अलग वाट्सएप नंबर जारी किया है. इसके अलावा विभाग की ओर से नियंत्रण कक्ष का टोन फ्री नंबर -14417 और 18003454417 भी जारी किया गया है. टोल फ्री नंबर पर प्रधानाध्यापक व शिक्षक की उपस्थिति, विद्यालय का भवन, कमरों की स्थिति, मध्याह्न भोजन, खाद्य आपूर्ति, थाली की उपलब्धता, उपस्कर, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था, विद्युत कनेक्शन, आइसीटी लैब से संबंधित शिकायत कर सकते हैं.शिकायत के प्रकार और नंबर वाट्सएप नंबर 9229206201 पर विद्यालय के भवन की स्थिति, निर्माण कार्य की गुणवत्ता, बेंच-डेस्क की उपलब्धता, चारदीवारी, वाट्सएप नंबर 9229206202 पर विद्यालय के समय पर खुलना, प्रधानाध्यापक व शिक्षक की उपस्थिति, विद्यालय की समय-सारणी, वर्ग कक्ष का संचालन, कंप्यूटर लैब की उपलब्धता, पुस्तकालय की उपलब्धता, प्रयोगशाला, खेल सामग्री, वाट्सएप नंबर 9229206203 पर एमडीएम की आपूर्ति व गुणवत्ता, किचन शेड, गैस चूल्हा, थाली-ग्लास, प्रत्येक शुक्रवार को अंडा, मौसमी फल का वितरण और किचन की साफ-सफाई, वाट्सएप नंबर 9229206204 पर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय से संबंधित और वाट्सएप नंबर 9229206205 पर स्कूली बच्चों को मिलने वाली साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तक संबंधी शिकायत कर सकते हैं. इस नंबरों पर सुबह 9.30 से छह बजे तक शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिक्षा विभाग ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद अविलंब समस्या का समाधान किया जाएगा.

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